मेरी सहेली

इत्तू सी थी, जब
उठा हाथ में, छाती से
लगाया था तुझे,
पाकर तुझे, नाज
खुद पर, बड़ा
आया था मुझे।
अपने हाथो से हर,
निवाला खिलाया था तुझे,
जरा से आंसू पे,
आंचल मे समाया था तुझे।
जाने तेरे साथ,
वक्त कब गुजर गया,
लगता है, बरसो
लंबा समय,
पल में निकल गया।
पल ही तो बीते,
और तू बड़ी हो गई,
हाँ, देखो, तुम
मेरी सहेली हो गई।
देव
19/02/2021, 12:32 pm

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