अब मैं हूं, तो सब मग्शूल

मोहब्बत भी क्या चीज़ है,जिससे करते है, वो करती नहीं,और जो चाहती है, उससे होती नहीं, अक्सर, यू ही वक़्त गुज़र जाता है,ख्वाबों में अरमान सकते है,और हकीकत ख्वाब में निकल जाती है, भीड़ में होकर भी, तन्हा क्यूं है,जब सब थे, तो मैं मगशुल था,अब मैं हूं, तो सब मग्शूल देव

इल्तेजा है उनसे, चुप ना रहें

दर्ज कर लेता हूं, हिसाब में अपने,उनकी हर खुशी, हर ग़म को,आज तो वो बेगाने है, दूंगा हिसाब,जब अपनाएंगे को हम को, यूं ही, झरोखे से झांक लेता हूं,जब गुजरते है, वो मोहल्ले से मेरे,बस, इक निगाह में ताड़ लेता हूं,चाहे कितने ही छिपाए, जज्बात अपने, इस तो हो गया है अब,हम क्या करी,वो चाहे, … Continue reading इल्तेजा है उनसे, चुप ना रहें

हमने ना भी तो ना कहा था…

अरसो गुजर गए, कभी की थी मोहब्बत तुझसे,बेसब्र से दिल को, सब्र ना रहा,कुछ पल की मुलाकातों में,हाल ए दिल कहा,वो उठी, और चल दी,हां भी नहीं कहा,हम बस इश्क़ करते रह गए,और वो जो गए विदा, छोटा सा शहर था,यूं तो अक्सर, टकरा ही जाते थे,एक दूसरे को देखकर,मुस्कुराते थे,इस बार ना जाने क्या … Continue reading हमने ना भी तो ना कहा था…

कौन कहता है जिंदगी,यहां वीरान सी है।।

वो देखो ओस का बादल,छू कर निकला है,बरस गया, जितना था,अब क्या बरसेगा।। रंग भर, डाल दिए है,जमीं पर किसने,कौन कहता है जिंदगी,यहां वीरान सी है।। देव

इश्क़ की शुरुआत हो गई

उसके जिक्र की ही तो बात थी,और वो बदनाम ही गई,मेरे जरा ख्याल रखने से,यारो में उसकी बात हो गई, शुक्रिया है यारो का,कहीं ये बात लग कहीं,बातो ही बातो में,इश्क़ की शुरुआत हो गई।। देव

हां, कभी कभी, उम्र झूठी बता देती हूं।

कोई पूछता है, तो टाल देती हूं,कभी कभी, उम्र झूठी बता देती हूं, वैसे तो बालों में, चांदी देखने लगी है,कभी रंग तो अक्सर, मेहंदी ही लगा लेती हूं,हां, कभी कभी, उम्र झूठी बता देती हूं, ख्वाहिशें सजने की, कैसे छोड़ दूं मैं,जश्न के बहाने, मेकअप करा लेती हूं,हां, कभी कभी, उम्र झूठी बता देती … Continue reading हां, कभी कभी, उम्र झूठी बता देती हूं।

Hunger

Walking down the lane,Saw him with a pain,Having bunch of bags,Keeping besides his legs,Couldn't stop from asking,Sitting in this windy cold weather,Are you jocking, He replied, I don't want you,To be worry,If you feel so, I am so sorry,It's all what I collected today,I think, for my family, it's the best day, I am happy … Continue reading Hunger

आज भी, मैं तुझे याद करती हूं।

तुम तो चले गए, और मुझे दे गए,अपनी यादों का पिटारा,बस रोज खोलती हूं,हर याद को, टटोलती हूं,और फिर सजा के रखती हू,आज भी, मैं तुझे याद करती हूं, वक़्त तो गुजारा, ज्यादा नहीं साथ,जो मिला, उसमे भी थी कोई बात,टिकाए सिर अपना, तेरे कंधे पर,तेरी बातों खोयी रही थी पूरी रात,मैं अब भी, रातों … Continue reading आज भी, मैं तुझे याद करती हूं।

कुछ बाते अधूरी सी

कुछ बाते अधूरी सी,कुछ किस्से अनकहे,वक़्त गुज़र गया,और वो चल दिए, अरमान कहा बचे,जो थे, जी ना सके,जब मिला तू,हम थे थक गए, बेकार की बातों में,गुजरी शाम थी,जब हाल ए दिल कहा,वो नदारद थे।। देव

करेगी इश्क़, इक दिन मुझसे वो

अस्क अपना आइने में, अब कहा दिखता है,बस उसका चेहरा, हर तरफ दिखता है,माना, फिलहाल वो मगशूल है अपने में,उसको कहां मेरा इश्क़, सच्चा दिखता है, यकीं है मुझको, खुदा पर यारो,चाहेगा गर, वो खैरियत मेरी,लाख चाहे, जाना दूर मुझसे वो,करेगी इश्क़, इक दिन मुझसे वो।। देव

बस, एक तरफा मोहब्बत मैं करता हूं

लोग पूछ ही लेते है मुझसे,जरा बता तो दो, है कौन वो,तुम क्या थे, और क्या हो गए,जरूर, कोई खास है वो, क्या कहूं, नाम बस लबो में,दबा कर रख सकता हूं,कहीं टूटे नहीं दिल उसका,बस, एक तरफा मोहब्बत मैं करता हूं।। देव

दिल तो आज भी धड़कता है

दिल तो आज भी धड़कता है,जब सामने तू आती है,माना तू दूर है बहुत,तेरी याद बहुत आती है, बस, साथ में ही तो नहीं,मगर साथ तो हरदम है,तेरा चेहरा, तेरी आशिक़ी,मेरे इस दिल में कायम है, आंखे मूंद, तुझे देख लेता हूं,तेरी रूह को महसूस करता हूं,तू ना चाहे मुझे कोई बात नहीं,ये दिल बस … Continue reading दिल तो आज भी धड़कता है

एक बार नाम मेरा भी लेना

तेरा अहसास ही काफी हैमेरी सांसों के लिए,तू, किसी और को चाहती रहना, जिंदगी गुजार लेंगे, तेरी यादों में,तू बातो में, किसी के महशूल रहना, बस, एक गुजारिश है,जब कभी तेरे दरवाजे पर दस्तक हो,एक बार नाम मेरा भी लेना।। देव

तू शांति का निशान है

प्रचण्ड स्वरूप है,अखंड तेरा रूप है,शिव ने खोली आंख है,तू चंडी के समान है, कभी तू सबसे शांत हैकभी ज्वाला का भंडार है,तू मां भी है, पिता भी तू,तू शांति का निशान है।। देव

कदमों के निशा छोड़ जाऊंगा

कदमों के निशा छोड़ जाऊंगा,जब, मैं ना रहूंगा, याद बहुत आऊंगा, माना, तेरे बागीचे में, है गुलिस्ता खिला,तेरी सोंधी खुशबू , कौन जान पाएगा, मरहम तो दर्द पर, लगाते है बहुत,दर्द लेले जो तेरे, वो यार कहा मिल पाएगा, ग़ालिब भी बोल रहा होगा, खुदा से,इसको भी बुला लिया, शायरी कौन सुनाएगा। देव

अक्सर, इंतेहा वो लेता है,

इंतेज़ार तू कर, ऐतबार तू करतू अपनी मोहब्बत पूरी कर,होती है मुराद, यहां पूरी,जब सच्ची मोहब्बत होती है, खुदा भी साथ में होता है,जिस दिल में मोहब्बत होती है,अक्सर, इंतेहा वो लेता है,मुश्किल घड़ी, जब होती है।। देव

अक्सर सुनती वो रहती है

सुबह की फैली लालिमा,मुझसे ये अक्सर कहती है,तू फ़िक्र ना कर, यार मेरे,वो तुझसे मोहब्बत करती है, बस वक़्त दे तू, थोड़ा उसकोवो यू ही यकीं नहीं करती है,तेरे किस्से, बहुत फैले यहां,अक्सर सुनती वो रहती है, देव

कौन कहता है, अकेली है वो

कौन कहता है, अकेली है वोयारो की टोली, साथ रहती है,दो बूंद आंसू आ जाए तो,घर में जमात लगती है, फिर भी, ना जाने क्यूं,हसीं में भी उदासी रहती है,साथी का तो है इंतेज़ार उसेदरवाजे नहीं खुले रखती है।। देव