तलाश में खुद की, वक्त बिताते है।

जिंदगी, कुछ जीने की चाह हैं, और यूं नही, कि नही राह हैं, मगर, कदम बढ़ते ही, रूक जाते हैं, कश्म ए कश में पड़ जाते हैं। कुछ अपनी ही, पाबंदियां हैं, कुछ अपनो की, ज्यादतियां हैं, ख्वाहिशें हैं, और उम्मीद गायब, बस यही सोच में पड़ जाते हैं। बहना चाहते थे, और बंध गए … Continue reading तलाश में खुद की, वक्त बिताते है।

जिंदादिली

इन इमारतों को क्या हुआ है,शायद, जड़े खोखली है इसलिए,एक एक कर ढह रही है।रिश्तों में मिठास सी तो है,मगर प्यार की कमी है इसलिए,इसलिए दूरियां बढ़ रही है।ख्वाब तो सब देख रहे है,मगर ख्वाहिशें, ख्वाहिशें अपनाखेल, खेल रही है,इंसानियत तो है मगरईमान की कमी है,इसलिए तल्खियां बढ़ रही है।लगे है सब दौड़ में,ना जाने, … Continue reading जिंदादिली

कहानी

दो अश्क ही सही, काश बह जाते,मेरी दास्तां को वो, कहानी ना कह जाते।।देव25/02/2021, 12:08 am

खुदा मिलता नहीं।

अश्क भी बहते नही और,धड़कने थमती नही,जिन्दगी कहाँ जिन्दगी है,चैन लेने देती नहीं।कहते है चलते रहो,मंजिले मिल जायेंगी,रास्ते और दुश्वार है अब,दूर तलक मंजिल नहीं।कंधे जो थे, अब कहाँ है,जिन पर सिर यूं रख सके,किसको कहें, हाल ए दिल,किस पर करें, अब हम यकींन।जिसने दिया दगा कभी,साथ वो छोड़ते नही,जिनसे मांगा साथ था,साथ वो देते … Continue reading खुदा मिलता नहीं।

ख्याल उनका।।

कुछ इस तरह से नज़र उसने, मुझ पल डाली,या तो बेख्याल रहता हूंँ, या बस ख्याल उनका।उस पर, जब थामा, हाथ था उसने मेरा,लगता है, सोचता है मुझको, ख्याल उनका।।देव24/02/2021, 8:44 am

फिर से रंगो से खेला जाए

बस, एक बार सोचती हूंँ, इस रंग भरे त्योहार को,कि आंखे भर आती है,ज़हन मे, तेरी याद आती है।आज यूं ही, बातो बातो में,चलो होली मनाते है, निकल गया,और नजरों से मेरी, कही थमा थाकब से, वो आंसू बह गया,गला भर आया, और आवाज रूंध सी गई,दोस्तो की नजरें, पल में मुख पर,थाम सी गई,सालो … Continue reading फिर से रंगो से खेला जाए

तेरे नही होने का मलाल

तुझसे दरकिनार होने की, सोच से में घायल था,क्यूं कि तेरे होने के, अहसास का मैं कायल था।तू थी भी, और नहीं भी थी अक्सर मेरे ज़हन में,जब नहीं थी, तब तेरे नही होने का मलाल था।अब तू है मगर तू है कहाँ, ढूंढता हूंँ मैं,अब तलक, तेरे ख्वाबों में, कहीं मेरे होने का, ख्याल … Continue reading तेरे नही होने का मलाल

गुफ्तगू

जिन्दगी से मेरी, मुलाकात हो तुम,हर गुफ्तगू, तुम से शुरू, तुम पर खत्म होती है।देव23/02/2021, 9:30 pm