ख्वाहिश है तू ।।

रौनक, तेरे चेहरे की, कुछ अलग यूं है,हर किसी के जह़न में, बसी तू है। तेरे नाम की, हर तरफ बौछार यूं है,हर दिल के, एक कोने में, बसी तू है। तेरी उम्मीद पर, ना जाने कितने लूट गए यहां,फिर भी, कई दीवानों की, ख्वाहिश तू है।। देव 14/09/2020, 12:10 pm

कुछ गुजर गया, कुछ गुजरना है,

कुछ गुजर गया, कुछ गुजरना है,अभी अक्स को अपने, और सवारना है। मंजिल की फिक्र, कहां है मुझे,रास्तों को यादों के झरोखे में उतारना है। फिक्र कर के भी, क्या मैं पा लूंगा,जो बस में नहीं, उसे जह़न से उतारना है। अल्फ़ाज़ है तो है, जो काबिलियत है मेरी,लब्जो से अपने, कुछ चेहरों को हंसाना … Continue reading कुछ गुजर गया, कुछ गुजरना है,

शुक्र खुदा का है।

बेतरतीब से बालो को बनाती हुई,वो दिखती है अक्सर, मुस्कुराती हुई। शब कहूं, या शराब कहूं उसे,शबाब उसका, करता है मदहोश मुझे। कहीं यूं ही ना, गुज़र जाए, शाम मेरी,इक बार यार दीदार, मिल जाएं मुझे। शुक्र खुदा का, तराशा है, जो उसने तुम्हे,फरियाद खुदा से, यारी तेरी मिल जाए मुझे।। देव 11/09/2020, 9:52 pm

फिर से जीने लगा

खो जिन्दगी में यूं, फिर से जीने लगा,बिन पिए मैं, नशे में रहने लगा। खामोशियां भी बहुत कुछ, कह जाती है,अपने जेहन को हूं, गौर से सुनने लगा। दूर बहुत दूर हो तुम, मुझसे कहीं,और करीब हूं तुझसे महसूस करने लगा। देव 11/09/2020, 6:30 pm

एक तोहमत दी है।

एक बार फिर से, उसनेमुझसे दोस्ती की है,इक बार फिर से, उसनेदोस्ती पर, एक तोहमत दी है। एक बार फिर से, उसनेतारीफें मेरी, मुझसे की है,इक बार फिर से, उसनेजमाने को, मेरी बदनामी दी है। देव 09/09/2020, 10:39 am

हर बार, यूं ही, क्यूं,

हर बार, यूं ही, क्यूं,वो जख्म लेती है,अक्सर, अपनों के लिए,चोटिल वो होती है। यूं ही बातो बातो में, अक्सर,कुछ बोल जाते है,इतने बेसमझ भी नहीं,के यूं दिल दुखाते है। अपना समझ कर,वो हमेशा चुप सी रहती है,दर्द दिल का, नहींकिसी को कहती है। कहे भी किस से,कोई नहीं यहां अपना,जिसे समझा अपना,वही तोड़ चला, … Continue reading हर बार, यूं ही, क्यूं,

हे शंकराय ,हे शिवायें।।

शंकराय शंकराय, हे शिवायें हे शिवायें। शांत तेरा रूप है, तप में जब तू लीन है।गंगा जटा से बह रही, चन्द्र शीश पे सजाए।। भभूत से ढका बदन, सिंह खाल तेरा आसन।त्रिशूल थाम हाथ में, आकाश में करे ग्रजन।। शंकराय शंकराय, हे शिवायें हे शिवायें। शंकराय शंकराय, हे शिवायें हे शिवायें। माथे पे तीजी आंख … Continue reading हे शंकराय ,हे शिवायें।।

अब बस तुम्हारे साथ रहूँगा।

बहुत हो चुका काम,अब बस तुम्हारे साथ रहूंँगा,अब बस, तुम्हारा साथ दूंगा। जाने कितने बसन्त, यूं ही,इंतजार में निकाल दिए,करवा चौथ की थाली ले,आंगन में इंतजार किए,अब है त्योहार, तुम्हारे साथ मनाऊंगा,अब बस, तुम्हारा साथ दूंगा। तुम्हे पाने के लिए ही तो,ये नौकरी करना जरूरी था,वरना, ख्वाहिशों का असीमभंडार मेरे भी दिल में था,अब हमारी, … Continue reading अब बस तुम्हारे साथ रहूँगा।

मैं कहां, मैं बन पाता।

मैं, मैं कहां बन पाता,कच्ची मिट्टी से बना,अधपका बर्तन रह जाता,हो सकता है, सूरत अच्छी होती,मगर कहां, अच्छी सीरत पाता,गर, तुम ना होते,मैं कहां, मैं बन पाता। मैं तो बस चल रहा था,अनजान मंजिलों से,अक्सर था लड़खड़ा कर गिर जाता,राहें बहुत थी और मैंबेखबर, मुश्किल सफ़र से,बस चलता ही जाता,कहां मैं अपनी मंजिल पाता,गर तुम … Continue reading मैं कहां, मैं बन पाता।

चल रही थी,मेरी जिन्दगी

यूं तो मेरी जिन्दगी,काफी बदहवास सी चल रही थी,मगर, जब मिला तुमसे,थोड़ी थम सी गई,या यूं कहूं, तुम्हारी आवाज़ में,हर आवाज, रम सी गई।। कुछ तो बात है, यूं ही नहीं,वक्त ठहर सा जाता है,जब तुम बोलती हो,अक्सर माहौल, शांत हो जाता है,हां, सुनते भी है सब बड़े गौर से तुम्हे,जैसे, बी.एड. की टीचर का,पीरियड … Continue reading चल रही थी,मेरी जिन्दगी

कहां हो तुम, यही कहीं,

कहां हो तुम, यही कहीं,अक्सर मिल जाती जो गलियारों में,दिखती तो नहीं हो, मगर,तुम्हारी महक से पहचान लेता हूं,हां, तुम ही हो, ये जान लेता हूं। कहां हो तुम, यही कहीं,मेरी किताबों में, अक्सरतुम्हारा नाम दिख जाता है,अक्षरों में छिपा तुम्हारा,अक्स नज़र आता है,तुम्हारी मुस्कान से पहचान लेता हूं,हां, तुम ही हो, ये जान लेता … Continue reading कहां हो तुम, यही कहीं,

जो मेरे जह़न में तू है।

जो मेरे जेहन में तू है,वो तुझसे कहीं बेहतर है,मिलना होता है मेरा,उससे अक्सर है, छू तो उसे भी नहीं पाता,ना कभी कोशिश ही करी,हां, जी भर देखा उसको,जब भी इच्छा करी। हां, वो तुझसे कुछ,ज्यादा शर्मीली है,मगर मोहब्बत है तुमसे,बिंदास ये बात कही है। वो, चुप रहती है अक्सरऔर बता बहुत देती है,कितने ही … Continue reading जो मेरे जह़न में तू है।

नज़रे सुखी पड़ी

नज़रे सुखी पड़ी, अश्क कैसे बहे,हाल ए दिल भला, अब किससे कहे। यार जो थे, नई महफिल में रमे,कारवां एक छूटा, कारवें बनते गए। वक्त क्या बदला, जुदा हो चल दिए,पल में चमन, यूं उजड़ते गए। और वो, बस सोचती सी रह गई,जहां से चली, वही थी वो खड़ी मिली। देव 31/08/2020, 9:19 pm

ख्वाबों में, इक बार तो मिल जा।।

तू कहीं भी रहे, बस एक बार,कुछ पल ही सही, मुझसे मिल जा…… हकीकत में नहीं, कोई बात नहीं,ख्वाबों में, इक बार तो मिल जा।। अपना ना सही, मगर गैर भी नहीं,यकीं है, तुझे मुझसे, कोई बैर नहीं,गर मोहब्बत मेरी, तेरे दिल में नहीं,दो पल ही सही, यार से बातें कर जा। हकीकत में नहीं, … Continue reading ख्वाबों में, इक बार तो मिल जा।।

एक बार फिर से, जरा मुस्कुरा दो

एक बार फिर से, जरा मुस्कुरा दो,जिंदगी कब से कह रही है, माना, गम बहुत है जमाने में,और तेरी झोली में भी,खुशियां कम है, मगरकब तक रहोगे यूं उदास,एक बार फिर से, जरा मुस्कुरा दो,जिंदगी कब से कह रही है, तन्हा तुम ही नहीं,तन्हा हम भी है,जमाने की भीड़ में,अकेले तुम भी चल रहे हो,अकेले … Continue reading एक बार फिर से, जरा मुस्कुरा दो

खुदाया, पूरी हो, हर तमन्ना तेरी।।

कुछ देर बात, वो एक मुलाकात,लगता है, तू बहुत पुराना है यार। तेरा जुदा है अंदाज़, है तू बिंदास,चेहरे पर ये हंसी, मिली है कुछ खास। तेरी आवाज़ का, छूकर यूं निकल जाना,हर रोम का, मंत्र मुग्ध सा हो जाना। दुआ है हर अरदास में मेरी,खुदाया, पूरी हो, हर तमन्ना तेरी।। देव 28/08/2020, 8:08 pm

तुम मिलो, ना सही,

तुम मिलो, ना सही,आस इतनी, नहीं,बस मांगी, है खुदा से,इक तेरी, सलामती। मेरे सपनो, में सही,तू मिले, कभी कभी,बंद नज़रे करू,देख लू तुझे तभी। तेरे दिल में, हो कोई,नहीं गिला, मुझे कोई,बस दिखूं, मैं कभी,मुस्कुरा दे, तू तभी।। देव 27/08/2020, 11:33 pm

कहानियाँ बना रहा था मैं।

ये तो तुम मिल गई, वरना,कहा तलाश में था मैं,गुम हो, जिन्दगी हो,फलसफे सुलझा रहा था मैं। तेरे चेहरे का सुकून ही तो है,जिसमे खो गया मैं कहीं,कब से वरना, किस्सेकहानियां बना रहा था मैं। तारीफ में तेरे, ना जाने,कितनी नज़्म लिख दी,और यू ही, बेकार हालातों पर,शायरियां बना रहा था मैं। अब तू है, … Continue reading कहानियाँ बना रहा था मैं।

जिन्दगी को जो, नहीं जानते

मरने की बात, करते है वो,जिन्दगी को जो, नहीं जानते,गम और खुशी, तो पूरक है,करना खुद पर यकीं, नहीं जानते। दिन है तो रात, होनी ही है,रात गुजरेगी जरूर, दिन आयेगा,बैचैन क्यूं, तू है यार मेरे,वक्त बदलेगा, वक्त आयेगा। जो नहीं मिला, वो ना था तेरा,है जो तेरा, वो तू पायेगा,इंसा क्या, पायेगा तू खुदा … Continue reading जिन्दगी को जो, नहीं जानते

तू है तो जिन्दगी है।

तू होती तो कुछ और बात होती,बस, तू ही होती, तो क्या बात होती,जब तू नहीं, मेरे पास पल को,ना सुबह है आती, ना शाम होती, ख्यालों में मेरे, बस तेरा बसर है,बातों पर मेरी, तेरा ही असर है,तुझे देखकर, सुबह मेरी है होती,तेरी जुल्फों में, मेरी शाम सोती, तू नहीं है यहां, मगर यही … Continue reading तू है तो जिन्दगी है।