बड़े मोहक से,राधा में कृष्ण बसे,मुरली की धुन पर देखो,कैसे गोपियां चले। रंग राधा का पाया,कृष्णा स्वरूप अपनाया,बांसुरी दाले कमर में,मोर पंख माथे लगाया। रूप कैसे ना होवे,कृष्णा जो आन बसे,राधा स्वयं, क्यूं ना दिखेकृष्णा का, रूप धरे। रूप तेरा प्रखर है,स्वयं प्रभु का, स्वर है,तेरी आभा प्रचुर है,राधे - कृष्ण का ये रूप है।। … Continue reading राधे – कृष्ण का ये रूप है।
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राधा को असमंजस में पाऊ
बैर करू, कि प्रेम करू,राधा को असमंजस में पाऊ,कृष्ण चले, मथुरा की ओर,अब कैसे में समझाऊं, मैं तो सखी हूं, पर जानती इतना,विरह की बेला, अब आईं,कैसे राधा, रहेगी अब जब,कृष्णा नहीं, देख पाएगी, अश्रुधारा बह रही झर झरदिखती राधा, है कितनी बेबस,एक तरफ प्यार, है रोके उसको,कृष्णा का रूप, ना दिखता है उसको, हरी … Continue reading राधा को असमंजस में पाऊ
कृष्ण राधा संग रास रचावे
ठुमक ठुमक कर, कमरिया हिलावे,कृष्ण राधा संग रास रचावे, देखो, प्रभु, कैसी लीला दिखावे,गोपी बन, गोपी संग नाचे, प्रेम का एक, नया रूप दिखावे,राधा के प्रेम में, राधा बन जावें, श्याम रंग अब कैसे छिपावें,राधा से झट, पकड़े जावे, लख लख नए, बहाने बनावे,गोपियों से देखो, सजा भी पावें, प्रेम का जाल, कृष्ण बिछावें,प्रेम के … Continue reading कृष्ण राधा संग रास रचावे
कृष्ण खड़े, राधा को ताके,
तालो की बौछार में देखो,थिरके पांव है सबके,दिल में सबके, रंग प्यार का,छम छम पायलिया छमके।। कुर्ती कांचली, कली का लहंगासतरंगी चुनरिया सिर पे,सोलह श्रृंगार सजे है तन परमटक मटक वो चल दी।। कृष्ण खड़े, राधा को ताके,राधा, इतराती जावेबांसुरी की धुन जो सुने गोपियांमत्रमुग्ध हो नाचे। ना बैर यह, बस प्रेम बसाहवा भी प्रेमधुन … Continue reading कृष्ण खड़े, राधा को ताके,
कृष्ण बसे है मुझमें, तुझमें हर कण कण में।
कृष्ण बसे है मुझमें, तुझमें हर कण कण में।फिर क्यूं ढूंढे तू खुदा के, मंदिर में मस्जिद में।। मन ही मंदिर, मन ही मस्जिद, मन ही तो गुरुद्वारा है।मूरत उसकी जहां बसा लो, वहीं समझो उपासना है।। स्वयं को ढूंढ ले बंदे पहले, तू खुदा का साया है।प्यार खुद से तो पहले करले, बाकी सब … Continue reading कृष्ण बसे है मुझमें, तुझमें हर कण कण में।
कान्हा…
घुंघरू, बांधे नाचे राधाकृष्णा, मुगध हो देखेकहा, से आवतछन छन अवजवासखियां सारी रतिया ढूंढे रात की बेलारतियो का मेलाप्यार भरा मनचला खड़ातेरे घूंघरू खनक खनक करमन मोहे ललचावे बड़ा देव
राधा संग कृष्णा
प्यार की बेला, मतवाली हवाएंसम्हाले कैसे राधे, मगन सब बालाएं कान्हा है नटखट, बातें करे पट पतघेरे बैठी देखो, गाव की सखियां हौले से हस के, कान्हा तंके चुपकेमन के दर्पण में, समाई राधा को संध्या की ड्योढ़ी पर बैठे कन्हैयाआज है मिलन, राधा संग कृष्णा देव