गहरी आंखो में तेरी, समाऊंगा,मैं तुझे, शहर में अपने, फिर लाऊंगा, नदारद है, कुछ पल ही, तू आज सही,कल तुझे, जिंदगी, अपनी बनाऊंगा,मैं तुझे, शहर में अपने, फिर लाऊंगा, माना फुरसत, है तुझे, आज बहुत,तेरे जेहन को, यादों से, भर जाऊंगा,मैं तुझे, शहर में अपने, फिर लाऊंगा कौन कहता है, उम्र नहीं, इश्क़ की ये,मैं … Continue reading मैं तुझे, शहर में अपने, फिर लाऊंगा
Month: March 2020
यह बातें यह राते, अधूरी मुलाकाते
यह बातें यह राते, अधूरी मुलाकातेयह शर्मा के तेरा पल में छुप जानाहाथों से अपना चेहरा छिपा नानिगाहों से हाले दिल का बतानाकुछ तो हुआ है कुछ हो गया हैदिल यह मेरा कहीं तो खो गया हैकुछ पल यह तेरे संग में बितानानिगाहों निगाहों में मोहब्बत जतानातेरे बालों की छांव में कुछ पल बितानातेरी बात … Continue reading यह बातें यह राते, अधूरी मुलाकाते
बे तरतीब सी रखी है,ख्वाहिशें भी,
बड़ी कष्मेकश सी है जिंदगी,कहीं सांसे थम रही है,और कहीं धड़कने, कुछ छूट सा रहा है हर तरफ,किसी की जान निकल रही है,और किसी की जां वक़्त भी, एक अलग ही,खेल दिखता हैजब करीब होने का सोचते है,मीलों दूर ले जाता है, बे तरतीब सी रखी है,ख्वाहिशें भी,जमाएं या छोड़ दे,कुछ समझ नहीं आता, देव
तेरे गम को, सह लेते है,थोड़ा सा जब, पी लेते है
पल में हसते, पल में रोते है,याद तेरी आती है जब जब,थोड़ा सा हम, पी लेते है, गम हम सारे, सह लेते है,थोड़ा सा, जब, पी लेते है, जीना क्या है, ना सीखा था हमने,जीना क्या है ना सीखा था हमने,तुझसे मिलकर, देखे है सपने,तुझसे मिलकर, देखे है सपने,तुम जो नहीं तो, रुसवा रहते हैथोड़ा … Continue reading तेरे गम को, सह लेते है,थोड़ा सा जब, पी लेते है
घातक भूख है, या करोना
क्या करते बेचारे,कोरॉना से, या भूख से,किसी से तो मरना है,पर कॉरॉना तो वैसे भीअमीरों को होना है,गरीबों को तो वो भी ,नहीं छेड़ता है,आखिर चायना का बिजनेस,हम गरीबों से ही तो चलता है, और सब तो पच जाता है,चाहे कितना भी पॉल्यूशन ही,इन फेफड़ों में सब कुछ छन जाता है,एयर पुरिफायर तो, अमीरों के,फेफड़ों … Continue reading घातक भूख है, या करोना
बस, तुम ही तो हो ना
मैं तो यूं ही भटक रहा था,अनजान राहों पर,ना कोई मंजिल, ना कारवां,मुसाफिर भी बस,पल भर को मिलते थे,फिर जिंदगी वही,तन्हा, ना कोई यहां,ना वहां, दूर दूर तक,विरानागी ने पैर पसारे थेअब तो अपने भी,लगने लगे पराए थे,बोलता भी किस्से,कहते है मर्द है,सारी अंगुलियों,मेरी तरफ ही उठती है,और जो है करीब,कहीं ना कहीं,उनमें ईर्ष्या भी … Continue reading बस, तुम ही तो हो ना
हां, मोहब्बत है उनसे
यकीं भी कितना कराएं,के मोहब्बत है हमें उनसे,कब तक, ये बताएं उनको,हां, मोहब्बत है उनसे, उमर का एक पड़ाव आ गया,ना वक़्त का पता, ना खुद का,कुछ पल ही है, पालो, या खो दो तेरे रूप के चर्चे, बहुत है मोहल्ले में,चाहने वाले मिले होंगे, हजारों राह में चलते,मैं इक वो मुसाफिर हूं, थाम हाथ … Continue reading हां, मोहब्बत है उनसे
वो आधी, जली डायरी
तुम्हारी याद में, सम्हालने बैठा,जब तुम्हारा वो सामान, जोथोड़ा बहुत है मेरे पास,तो वो आधी जली डायरी भी मिली,जिसमे थी छिपी, तुम्हारी यादें,जो शायद तुमने, जान बूझ कर,भुलाने की कोशिश की थी,मगर आग भी उस अधूरी लगी थी, मिल गई, यू ही और जब खोल कर देखा,तू थे किस्से तुम्हारे, कहानियां तुम्हारी,कुछ बीती बातें, कुछ … Continue reading वो आधी, जली डायरी
कोई तो होगा हमसफ़र
अभी तो जिंदगी है,कोई तो होगा साथ,क्यूं उधेडू मै,वो पिछले हिसाब, नया दिन नया रास्ता,शुरू करते है एक नया सफ़र,वो दगा दे गए तो क्या,कोई तो होगा हमसफ़र।। देव
तेरे चेहरे पर, वही हसीं, लौटाऊंगा
कल कुछ सफ़र पर निकल पड़ा,तेरी याद में, जिस मोहल्ले से,तू विदा ले चुकी है,यूं गलियों से वाकिफ हुआ,कुछ चेहरे, जो की अब भी,तेरे आस पास दिखते है,उनसे मुलाक़ात हुई,तेरे बारे में बहुत बात हुई,तेरे घर के उस कोने वाले कमरे में,जहा कुछ तस्वीरे टंगी रहती थी,वही कोने में, किताबों के ढेर में,एक पुरानी सा, … Continue reading तेरे चेहरे पर, वही हसीं, लौटाऊंगा
इन कांक्रीट के जंगलों, का भविष्य
बस, कुछ दिन पहले ही बतिया रहा था,इन कांक्रीट के जंगलों, का भविष्य,पड़ा जा रहा था,क्या होगा, गर इकोनोमिक क्राइसिस हो गया,इन जंगलों में, भटकेंगे, बस भूत और हवा, नहीं पता था, जल्द ही वक़्त आयेगा,गति का पहिया, पल में थाम जाएगा,बाहर जो निकले पड़ा था, बढ़ने कभी,अपने ही घर में, कैद वो हो जाएगा, … Continue reading इन कांक्रीट के जंगलों, का भविष्य
तेरे इश्क़ में खुद को,फना कर दूंगा
सोना कौन चाहता है,मैं तो बस तेरी यादों में,खोना चाहता हूं,कुछ पल तुझ संगगुजरना चाहता हूं,तेरी बातो को एकटक,सुनना चाहता हूं,तू बेफिक्र हो, चैनसे सोती रहे,मैं तेरे सपनों काखरीददार बनना चाहता हूं,तेरे हर पल को,हसीं बना सकता हूं,मैं तुझे तेरे ख्वाबों की,मोहब्बत दे सकता हूं,और तू ख्वाब है मेरा,तू ही रुखसत मत करना मुझे,आलिंगन ना … Continue reading तेरे इश्क़ में खुद को,फना कर दूंगा
तेरी चाहत के सिवाकुछ ना बचा पास मेरे।।
तुम हो ना, फिर में क्यूं परेशा रहूं,तेरी जुल्फों के आगोश में,कुछ पल ही सही,सोता रहूं,कहा है वक़्त, सोचू,जो जिंदगी के लिए,और वक़्त मिल भी जाए,तो बता सोचूं मैं किसके लिए,मानता हूं, है बच्चे, जीना है,इनके लिए,पर वक़्त कर देगा, जुदापल में, मुझसे इन्हे,फिर बस मैं और तू रह जाएंगे,इक दूसरे को याद,बहुत आएंगे,वक़्त जो … Continue reading तेरी चाहत के सिवाकुछ ना बचा पास मेरे।।
उनके सिवा कहीं, नजर नहीं जाती
किताबें भी पेश करी, पड़ने को उनको,क्या करे, जुबां ए मोहब्बत,उन्हें समझ नहीं आती। करते तो है, बात अक्सर हमसे,मगर इश्क़ की खुशबू नहीं आती, हम भी, थोड़े से सिरफिरे है आखिर,उनके सिवा कहीं, नजर नहीं जाती।। देव
बस तेरी तस्वीर तकता हूं।।
तू बस यूं ही मुस्कुराती रहे,और मैं तुझे देखता रहूंतू पास ना सही मेरे,बस, मेरे दिल में तू रहे, तू हां कहे, या कहे ना,ये मर्जी है तेरी,मैं चाहे नहीं जिंदगी तेरी,पर मुझको तो ऐतबार है,हां, मुझे तुझसे प्यार है, कहते है, जो होता है,अच्छे के लिए होता है,मैं भी मानता हूं,तेरे चुप को भी … Continue reading बस तेरी तस्वीर तकता हूं।।
पलक झपकने की दूरी है।।
वक़्त ठहर क्यूं नहीं गया,जब मैं तेरे पास था,तेरी नज़रे, पलको में छिपी थी,हाथो में मेरे, तेरा हाथ था, मैं खोया था तुझमें, औरतेरे ख्यालों में कहीं मेरा नाम था,मैंने देखा तब, तुझे गौर से,तेरा कुछ अलग अंदाज था, अब भी जब तू चली गई है,दूर नहीं, तू यही कहीं है,बसी है सूरत, तेरी मुझमें,पलक … Continue reading पलक झपकने की दूरी है।।
थोड़ा खुद को भी, सवार ले
रंज भुला दुनिया के सारे,कुछ पल खुद संग गुजार ले,बेकार की बातें, कितनी कर लेगा,थोड़ा खुद को भी, सवार ले, यूं तो ताने, दिए हजारों,वक़्त नहीं तुझे मिल पाता है,सूरज उगते ही, मशीन बन जाता,रात में थक कर, पड़ जाता है,अब जब दिन, तेरा पूरा है,अपने मन की, तू मान ले,बेकार की बातें, कितनी कर … Continue reading थोड़ा खुद को भी, सवार ले
तू दूर नहीं,पास है
तू दूर नहीं,पास हैयही, मेरे आस पास है,महसूस तेरी सांसों को,कर सकता हूं,पलकें झुकाए, बैठी है तू,मैं देख सकता हूं, तेरी आंखो से झलकतीआंसू की बूंदे,तेरे माथे पर पड़ी,शिकन की लकीरें,तेरे हाथो के कपकपाते से,हिलता वो गिलास,तेरे लबों से आती वो,कपकपाती आवाज,सब मुझे दे दे,मैं तुझे यूं, नहीं देख सकता हूंतुझ पर अपना चैनफना कर … Continue reading तू दूर नहीं,पास है
गर है मानता भगवान को,तो फिर डरता क्यूं है,
सब कुछ तो पहले से लिखा हुआ है,फिर बदलता क्यूं है,गर है मानता भगवान को,तो फिर डरता क्यूं है, माना परिस्थिति है विषम,कोई नहीं है तेरे संग,सेना ने समहाली कमान है,तेरी नहीं कोई पहचान है,माननी तुझे सब बात है,पर दिल तेरा कहा गुलाम है, उठ जा, बड़ आगे,कोई है तेरे इंतेज़ार में,वक़्त निकल गया गर … Continue reading गर है मानता भगवान को,तो फिर डरता क्यूं है,
It’s all about,What you decide,
It's all about,What you decide,Living fearlessly,Or die full of shame, We are human,We escaped many other traps,Thus is nothing,Compare to SARS or AERS, Either we die in isolation,Or live together with love,It's all about attitude,Nothing about fear, Let's spend life remaining in love,Thai is what, a better option.. Dev