मुझे बांधने की कोशिश में खुद ही उलझते जाओगे लालसा अनंत की करोगे अंत में शून्य पाओगे पिंजरे में बंद तो कर लोगे बड़ी आसानी से पर मेरे दर्द से तुम ही छटपटाओगे दर्द देदो मुझे सारे अपने भर लो खुशियां अपनी झोली में डोर छोर दो जो पकड़ी है किसी और को भी है … Continue reading एक दिन शून्य बन जाऊंगा
Month: January 2019
हां, अब मैं मोहब्बत नहीं करता
सालो की मोहब्बत के बाद की बेवफ़ाई उसने कि अब में वफा की उम्मीद नहीं करता हां, अब मैं मोहब्बत नहीं करता शराबखाने से दूर, था आंशिया बनाता बिन पिए ही सुरूर था आ जाता अब, दोस्तों के साथ जाम हू पीता पर नशा नहीं करता हां, अब मैं मोहब्बत नहीं करता मिल जाते है … Continue reading हां, अब मैं मोहब्बत नहीं करता
जरूरी नहीं, कोई नाम दिया जाए
थोड़े नासमझ कुछ नादान थोड़े शैतान, कुछ परेशां बन जाओ जरा सा जरूरी नहीं, जिंदगी हरदम मुकम्मल गुजरे कभी बिना उम्मीद के इश्क़ करके देखो जरूरी नहीं, हर बार प्यार में धोखा खाया जाए कुछ वक़्त, करीब मेरे गुजारो तुम यू ही जरूरी नहीं, हर रिश्ते को कोई नाम दिया जाए देव
सिर्फ तुमसे प्यार करता हूं
इश्क़ मैं तुझसे बेइंतेहा करता हूं तेरी उम्मीद में, दिन रात आहे भरता हूं हां मैं तुमसे, सिर्फ तुमसे प्यार करता हूं रातों आंखो ही, आंखो में गुजर जाती है तेरी एक झलक पाने की बेताबी है मै यू ही तेरा इंतजार करता हूं हां मैं तुमसे, सिर्फ तुमसे प्यार करता हूं आगोश में समा … Continue reading सिर्फ तुमसे प्यार करता हूं
जिंदगी और जीने के लिए
मैं कुछ भूल गई थी यहां उसी रात, जब सहमी सी, लग रही थी रुक जाऊं, या चल पडू दिल में एक उथल पुथल थी पर फिर एक एहसास ने रोका मुझे कब तक यू ही, भागती रहूंगी जिंदगी हैं, मैं हूं, थोड़ा आगे बडूंगी तभी तो आगे चल सकूंगी और बस, कुछ कदम बड़ा … Continue reading जिंदगी और जीने के लिए
सुकून
हर लम्हा मुझे अब हसीं लगता है तेरे करीब होना क्यूं, सुकून देता है तुझे बहो में भरने की तमन्नाएं करता हूं तेरे आगोश में समा कर क्यूं मैं खो जाता हूं हर लम्हा मुझे अब…. तेरी मदहोश हसी जब भी सुनाई देती है वीरान सी महफ़िल में भी क्यूं मैं हसता जाता हूं हर … Continue reading सुकून
कौन कहता है, मैं बड़ा हो गया हूं
कौन कहता है मैं बड़ा हो गया हूं कौन कहता है मैं बड़ा हो गया हूं मैं तो आज भी वही बचपन जीता हूं हर पल वहीं बचकानी हरकते करता हूं बारिश के थपेड़ों में सरपट भागना सड़क पे पड़े पानी को पैरों से उछालना यारो को टंगी मार कर कीचड़ में गिराना उठाने के … Continue reading कौन कहता है, मैं बड़ा हो गया हूं
क्यूं शादी मैं कर लू
मैं, अकेली हूं, तन्हा नहीं कुछ दोस्त है, जो साथ निभाते है इक आवाज में मेरी दौड़ के आ जाते है फिर क्यों मैं अपने पंखों को कतर लू तुम्ही बताओ, क्यूं शादी मैं कर लू सुबह की चाय, अब खुद भी ही बनाती हूं घर की बालकनी में, नई किताब ले चुस्कियां लगती हूं … Continue reading क्यूं शादी मैं कर लू
काश, हम भी कुछ कमिने होते (Romance)
तबीयत का बहाना बना तुझे मिलने बुलाते तेरे मखमली हाथो से अपना सिर दबवाते थोड़े से नाजुक ख्याल रखते थोड़ी तेरी हमदर्दी पाते अपनी, गमगीन कहानी सुना तेरे गले लग जाते पर क्या करे शराफ़त ही मार देती है काश, हम भी कुछ कमिने होते तेरी तन्हाइयो में तुझसे मिलने आते तेरे आंसुओ को मिटते … Continue reading काश, हम भी कुछ कमिने होते (Romance)
क्या बताऊं, तुम्हे क्या समझाऊं
हाल ए दिल क्या है मेरा क्यूं हूं परेशा पड़ के तेरी नज़रों को क्यों यू ही, तेरी चौखट पे बैठे है क्या बताऊं, तुम्हे क्या समझाऊं तू, ना भी बता, पर जानता हूं मैं किस कश्म ए कश से गुजरती है राते तेरी तेरा चेहरा बोलता है, सुबह बाते तेरी मैं, सोच में पड़ … Continue reading क्या बताऊं, तुम्हे क्या समझाऊं
काश, हम भी कुछ कमिने होते
तेरी गलिए में फिरते तुझे कुछ इशारे करते पर क्या करे शराफ़त ही मार देती है काश, हम भी कुछ कमिने होते हर सुबह, निकाल जाते कुछ बन ठन कर करके शर्ट को इन जचा के बालो को पोलिश कर जूतों को अच्छे से लगा के काला चश्मा बालो में जो थोड़ी सी सफेदी है … Continue reading काश, हम भी कुछ कमिने होते
पाक इरादे
मेरे एक पल के भटकने ने मुझको क्या सजा दी है सही रास्ते पर चलते मुसाफिर को मंजिले भटका दी है अफसाने और फलसफे सुनते सुनाते रहे शाम पूरी और रात के एक पहर ने दिमाग खलबली मचा दी है लगा, कुछ नहीं होगा, बस यूं ही बिता देंगे कुछ पल साथ में पर रोका … Continue reading पाक इरादे
मौसम
बारिश भी मेरे हालात का जिक्र करती है जब भी तन्हा होता हू, जम के गिरती है हर बूंद, बड़े इत्मीनान से, मुझसे मिलती है मेरे हर रोम को, तेरे होने की खबर देती है दुंडती नज़रे मेरी तुझको हर तरफ बेसब्र मेरी यादों में अब, तेरी झलक लेती हूं दिल ये मेरा, कहे हर … Continue reading मौसम
अंतर्मन
in my journey, to meet and know story of friends, I met a dear friends yday. Heard little bit about her story. And here, tried to give words to her feelings. Thanks to her..... कल ही की तो बात है हाथो में हाथ था कुछ एहसास था जब वो मेरे पास था जाने कहा गए … Continue reading अंतर्मन
बरगद का पेड़
बरगद का पेड़, कितना बेतरतीब खड़ा होता है जहा भी देखो अभी भुजाएं फैलाए होता है जैसे, बुला रहा हो हर मुसाफिर को कुछ पल बिताने को भागदौड़ भरे सफर से भरी थकान मिटाने को जड़े अपनी यहां वहां गाड़ते हुए कभी किसी के हरे भरे बाग उजड़ते हुए चमन के फूलों को मसलते हुए … Continue reading बरगद का पेड़
इक शाम की कहानी
मेरे एक पल के भटकने ने मुझको क्या सजा दी है सही रास्ते पर चलते मुसाफिर को मंजिले भटका दी है अफसाने और फलसफे सुनते सुनाते रहे शाम पूरी और रात के एक पहर ने दिमाग खलबली मचा दी है लगा, कुछ नहीं होगा, बस यूं ही बिता देंगे कुछ पल साथ में पर रोका … Continue reading इक शाम की कहानी
फ़िक्र
वो करे तो इश्क हम करे तो हवस कहलाती है जाने क्यूं जहां में इतनी जा़तियां बन जाती है। वो शादी का परचम लेकर कहीं भी पहुंच जाते है हम अकेले परिंदो को आब तक नहीं पिलाते है। सफेद कपड़ों में छिपाकर काला बदन अपना शरीफ बनकर शराफत का ठप्पा वो लगाते है। पाक साफ … Continue reading फ़िक्र
हां, मै सिंगल हूं पर अवैलेबल नहीं हूं
Just heard response of people, when one of my friend, visited family function last night. Also met likely people, who are single again, because of xyz reason... Felt Thier pain, what happened when they have to live as single again life in this society.. Thanks Sonia... For inspiring me to write this... Few line on … Continue reading हां, मै सिंगल हूं पर अवैलेबल नहीं हूं
मोहल्ला
याद है, वो मोहल्ला, जहा थी सटे हुए मकानो की कतारे, लगता था जाड़े में एक दूसरे से चिपक कर बैठे ही मकानों के आगे छोटा सा चबूतरा कहीं चमेली, कहीं मेहंदी किसी ने मोगरा भी लगाया था और कतार के अंत में मस्त मुस्तैद सा खड़ा नीम का पेड़, अपनी छाव में मोहल्ले के … Continue reading मोहल्ला
गलियां
तेरी गलिया वहीं तंग सी, घुसते ही जहा तेरे से घर में लगी चमेली की खुशबू से क्या आज भी महकती है तेरे आंगन से चौरासी की पायजेब की छन छन आवाजें तेरे हर कदम पे क्या आज भी निकलती है तेरे आंगन में रखी एक टेबल और उसके आस पास तरकीब से लगी कुर्सियां … Continue reading गलियां