परिंदा बन, दूर तक जाना चाहतीं हूं

A melodious song for my lovely audience Writer Dev परिंदा बन, दूर तक जाना चाहतीं हूं | Official Music Video | Song | DevKeDilSe | DevKeDilKiBaat https://youtu.be/_QmgOZ5HPbs

तलाश में खुद की, वक्त बिताते है।

जिंदगी, कुछ जीने की चाह हैं, और यूं नही, कि नही राह हैं, मगर, कदम बढ़ते ही, रूक जाते हैं, कश्म ए कश में पड़ जाते हैं। कुछ अपनी ही, पाबंदियां हैं, कुछ अपनो की, ज्यादतियां हैं, ख्वाहिशें हैं, और उम्मीद गायब, बस यही सोच में पड़ जाते हैं। बहना चाहते थे, और बंध गए … Continue reading तलाश में खुद की, वक्त बिताते है।

जिंदादिली

इन इमारतों को क्या हुआ है,शायद, जड़े खोखली है इसलिए,एक एक कर ढह रही है।रिश्तों में मिठास सी तो है,मगर प्यार की कमी है इसलिए,इसलिए दूरियां बढ़ रही है।ख्वाब तो सब देख रहे है,मगर ख्वाहिशें, ख्वाहिशें अपनाखेल, खेल रही है,इंसानियत तो है मगरईमान की कमी है,इसलिए तल्खियां बढ़ रही है।लगे है सब दौड़ में,ना जाने, … Continue reading जिंदादिली

खुदा मिलता नहीं।

अश्क भी बहते नही और,धड़कने थमती नही,जिन्दगी कहाँ जिन्दगी है,चैन लेने देती नहीं।कहते है चलते रहो,मंजिले मिल जायेंगी,रास्ते और दुश्वार है अब,दूर तलक मंजिल नहीं।कंधे जो थे, अब कहाँ है,जिन पर सिर यूं रख सके,किसको कहें, हाल ए दिल,किस पर करें, अब हम यकींन।जिसने दिया दगा कभी,साथ वो छोड़ते नही,जिनसे मांगा साथ था,साथ वो देते … Continue reading खुदा मिलता नहीं।

ख्याल उनका।।

कुछ इस तरह से नज़र उसने, मुझ पल डाली,या तो बेख्याल रहता हूंँ, या बस ख्याल उनका।उस पर, जब थामा, हाथ था उसने मेरा,लगता है, सोचता है मुझको, ख्याल उनका।।देव24/02/2021, 8:44 am

फिर से रंगो से खेला जाए

बस, एक बार सोचती हूंँ, इस रंग भरे त्योहार को,कि आंखे भर आती है,ज़हन मे, तेरी याद आती है।आज यूं ही, बातो बातो में,चलो होली मनाते है, निकल गया,और नजरों से मेरी, कही थमा थाकब से, वो आंसू बह गया,गला भर आया, और आवाज रूंध सी गई,दोस्तो की नजरें, पल में मुख पर,थाम सी गई,सालो … Continue reading फिर से रंगो से खेला जाए

तेरे नही होने का मलाल

तुझसे दरकिनार होने की, सोच से में घायल था,क्यूं कि तेरे होने के, अहसास का मैं कायल था।तू थी भी, और नहीं भी थी अक्सर मेरे ज़हन में,जब नहीं थी, तब तेरे नही होने का मलाल था।अब तू है मगर तू है कहाँ, ढूंढता हूंँ मैं,अब तलक, तेरे ख्वाबों में, कहीं मेरे होने का, ख्याल … Continue reading तेरे नही होने का मलाल

मेरी सहेली

इत्तू सी थी, जबउठा हाथ में, छाती सेलगाया था तुझे,पाकर तुझे, नाजखुद पर, बड़ाआया था मुझे।अपने हाथो से हर,निवाला खिलाया था तुझे,जरा से आंसू पे,आंचल मे समाया था तुझे।जाने तेरे साथ,वक्त कब गुजर गया,लगता है, बरसोलंबा समय,पल में निकल गया।पल ही तो बीते,और तू बड़ी हो गई,हाँ, देखो, तुममेरी सहेली हो गई।देव19/02/2021, 12:32 pm

मोहब्बत के लिए लिखता हूंँ।

लोग कहते है, देव,सब पता है, तुमकिसके लिए लिखते हो,बढ़े मासूम है वो,नहीं समझते,मै वो नहीं, जो दिखता हूंँ,मैं तो बस, अपनीमोहब्बत के लिए लिखता हूंँ।देव18/02/2021, 12:18 am

बोझ

इश्क़ तो इश्क़ है,जो दिलो में जान लाता है,वरना बस रिश्ता रह जाता है,हर रिश्ता, एक दिनबोझ बन जाता है।देव17/02/2021, 11:18 am

नई आशाएं जागेंगी!

माना मायूस हो, मगर निराश नहीं होना,जिन्दगी है, लगा रहता है, पाना और खोना।अभी पतझड़ है, तो क्या, फिर बहार आएगी,नई आशाएं जागेंगी, चेहरे पर मुस्कान छाएगी।मशालें है जहां, तो दिल भी तो जलेंगे,सुबह फिर से होगी, चमन फिर से खिलेंगे।देव17/02/2021, 9:54 am

हे माँ, थोड़ा ध्यान दे दे,

हे माँ, थोड़ा ध्यान दे दे,ज्ञान का मुझे, वरदान दे दे।श्वेत हार, श्वेत वस्त्र,श्वेत तेरा पद्मासन,वीना है सजाए हाथ में,वेदों को कर के धारण,मुझको गीता, वेद का,सार दे दे,हे माँ…भटक रहा हूंँ, जीवन के,अंतराल में,कब से खड़ा हूंँ, मैं तेरे,इंतजार में,अपना थोड़ा सा अंश,मेरे नाम कर दे,हे माँ…..ना धन, ना माया,ना काया की जिज्ञासा,करना है … Continue reading हे माँ, थोड़ा ध्यान दे दे,

एक चांद

सितारों ने इतरा कर कहा,ये रात, कुछ ज्यादा हसीन है,एक चांद अंबर पर,एक चांद धरती पर कहीं है।देव16/02/2021, 12:37 pm

अधूरे।।

कुछ अदब मे रह गए,कुछ इश्क़ मे कह गए,लिखे कुछ लब्ज़ मैंने,और कुछ अधूरे रह गए।।देव15/02/2021, 6:47 pm