तलाश में खुद की, वक्त बिताते है।

जिंदगी, कुछ जीने की चाह हैं, और यूं नही, कि नही राह हैं, मगर, कदम बढ़ते ही, रूक जाते हैं, कश्म ए कश में पड़ जाते हैं। कुछ अपनी ही, पाबंदियां हैं, कुछ अपनो की, ज्यादतियां हैं, ख्वाहिशें हैं, और उम्मीद गायब, बस यही सोच में पड़ जाते हैं। बहना चाहते थे, और बंध गए … Continue reading तलाश में खुद की, वक्त बिताते है।