तू है तो अस्तित्व मेरा है,और तू अपना अस्तित्व ढूंढ रही है,जाने, कैसी ये परीक्षा की घड़ी है,जो सदियों से चल रही है, सीता ने कब चाहा,रावण उसका हरण करे,एक राक्षस के वध के लिए,नारी, क्यूं अपमान सहे, क्यूं कंस का अंत, था करने को,देवकी इतना दर्द सहे,क्यूं नहीं जन्मे कृष्ण,पहली संतान का रूप धरे, … Continue reading स्त्री भी, स्त्री को अपशब्द कहे
Month: April 2020
कोई मेरा भी हमसफ़र
चाहे, इक दूसरे से, बहुतअलग, नजर आते है, मगरसमंदर और आसमा,भी मिल जाते है इक छोर पर, तकती रहूं, ये नज़ारा,बस यूं ही उम्र भर, मगरकर रहा होगा, इंतेज़ार कहीं,कोई मेरा भी हमसफ़र।। देव
कुछ तो कसूर, तेरा भी रहा होगा
तेरी बांते, तुझसे मुलाकाते,तेरी यादों में बिताई, वो जागी रातें,तेरी वो मंद मंद मुस्कान,सुरीली आवाज में, गाया वो गान,मेरी बातों पे, चुटकियां कसना,और फिर, खुलकर तेरा हसना,यूं ही नहीं मोहब्बत हुई तुझसे,कुछ तो कसूर, तेरा भी रहा होगा।। देव
खूबसूरती की मिसाल
खूबसूरती की मिसाल, उससे शुरू,और उसी पर खत्म होती है। मुझसे, उम्मीद ना करना, अब नहीं,किसी और की तारीफ होती है। लिखे है नगमे, कई उसके हुस्न पर,मेरी किताब, नाम से उसके, भरी होती है। अहम है, उसकी जगह, जिंदगी में मेरी,शाम उससे अलविदा, लेकर ख़तम,सुबह खुदा हाफ़िज़ कह उसको, शुरू होती है।। देव
लगता है, प्रकृति खुश है आज
ये सौंधी सौंधी खुशबू,मेरी मिट्टी की,ये फुहारों में लिपटी हवाएं,पेड़ की हिलती टहनियों,से आता संगीत,और मकानों के दर्रो से,छन कर आता संगीत, बड़ी हसीन सुबह है आज,लगता है, प्रकृति खुश है आज,बस नाच रही है,मगन होकर अपने में,काश रही है देखो,कितनी हसीन हूं मैं,जब तुम है दड़बो में।। देव
कहते है, इश्क़ लाचार है, कमजोर नहीं
मुझे अपनी मोहब्बत पर, कोई अफसोस नहीं,और तुझे पाने का, मुझे कोई जुनून नहीं,गर चाहेगी मुझे तो आयेगी, इक दिन तू ही,कहते है, इश्क़ लाचार है, कमजोर नहीं।। देव
Random thouths
[26/04, 4:19 am] Dev… Devkedilkibaat.Com: काश! इन आसुओं की कीमत होती,ना बहते, यूं ही, अक्सर रातो में,काम आ जाते, इश्क़ के बाजारों में।। देव[26/04, 11:18 am] Dev… Devkedilkibaat.Com: ये तो यकीं है, मोहब्बत है तुझे भी, मुझसे,बस, तू जहान की बातों में, वक़्त जाता करती है।। देव[26/04, 11:18 am] Dev… Devkedilkibaat.Com: अब तो बस दो … Continue reading Random thouths
मेरी जेब में, कुछ सिक्के कम थे
बहुत प्यार किया उसको, मगर,उसका प्यार पा ना सका, क्यूं कि,मेरी जेब में, कुछ सिक्के कम थे,उसके प्यार के, चर्चे बहुत थे, हां, बस चंद सिक्के ही तो कम थे,और भला, वो मुझे क्यूं चाहती,उसने तो पहले भी कहा था,उस अमीर पसंद है, और मैं कहा जानता हूं, मतलब,अमीरी का, तरजीह दी है प्यार को,ना … Continue reading मेरी जेब में, कुछ सिक्के कम थे
कहा था ना, ना करो इश्क़,
बस, इतना ही सफर है,इतना ही साथ हमारा,मंजिले हमारी, अनजान बहुत है,बड़ना तो, दोनों को है आगे,पर रास्तों में, अलगाव बहुत है, सबब जिंदगी का, अलग,बना बैठे है हम लोग,मोहब्बत के पैमाने, अलगबना बैठे है हम लोग, कोई शोहरत का दीवाना,कोई रंजो गम का,कोई नफ़रत चाहता है,कोई बगावत,कोई माया में है फंसा,कोई माया में, इश्क़ … Continue reading कहा था ना, ना करो इश्क़,
सैलरी स्लिप देखा जाता है।।
पैसा, आज पहली बार पता चला,कितनी importance है इसकी लाइफ में,नहीं हो हद से ज्यादा, अधूरी रह जाती है,मोहब्बत को पाने, की ख्वाहिशें। और ऐसा नहीं, कि तुम जिसे चाहोगेबस वही, उम्मीद जताएगी,तुम्हे जो चाहेगी, वो भी एक दिन,पैसे की ही डिमांड ले कर आएगी।। कहने को तो वक़्त, equality का आया है,जहां देखो, लोगो … Continue reading सैलरी स्लिप देखा जाता है।।
हां, अब वो प्यार से डरती है।।
वो अपने जज्बातमुझसे छिपाना चाहती थी,जो नहीं बता सकती थी किसी कोवही बात मुझसे करना चाहती थी,अपने अल्फजो को, बड़ेनाप तोल कर बोल रही थी वो,आज, फिर एक बार, अपनादर्द बयां कर रही थी वो, वैसे तो कह रही थी, अब,जख्म भर चुके है,दर्द नहीं होता हैपागल, इतना भी नहीं समझती है,आदमियों के भी दिल … Continue reading हां, अब वो प्यार से डरती है।।
मुकम्मल हो जहां तेरा
मुकम्मल हो जहां तेरा,यही ख्वाहिश है, बस मेरी,ख्वाब तूने, जो देखे है,तेरी तकदीर को मिल जाए। फलक के सितारों से, ज्यादा,खुशियां झोली में तेरे हो,चांद खुद रोशनी करने,तेरे दर पर आ जाए। देव
क्यूं ना ताउम्र, इश्क़, बस इश्क़ करते रहे
उसने कहा, अंडरस्टैंडिंग और केयरिंग,के मायने पल में ख़तम हो जाते है,जब, एक लड़का, और एक लड़की,रिश्तों में बंध जाते है, पर रिश्तों में बांधना क्यूं है,मोहब्बत को ख़तम करना क्यूं है,समाज के दिए नाम, बस रहने दो समाज तक,मुझे मुझसे, तुम्हे तुमसे, दूर करना क्यूं है, क्यूं ना, बस, एक दूसरे का हाथ थाम … Continue reading क्यूं ना ताउम्र, इश्क़, बस इश्क़ करते रहे
उनसे मिली है, चांदनी मेरी
है जेहन में तू बसी,तेरा दीदार, हर पल करू,जब दिल में तू बसी,तेरी तलाश, क्यूं करू, खुशबू तेरी आती है,हर बागबान से,तेरी आवाज़ मिलती है,कोयल की राग में, बादल लाते है, खबर तेरी,बारीशें आहटे तेरी,चांद कह रहा था इक दिन,उनसे मिली है, चांदनी मेरी।। देव
जब तू होती है सामनेथोड़ा हंस लेता हूं।।
तेरी याद में अपनी, रातेंनीलाम करता हूं, मगर,जब तू होती है सामने,मैं थोड़ा हंस लेता हूं, यूं तो, अक्सर, आंखेभी नम हो जाती हैछुप कर, जमाने से,रो लेता हूं, मगर,जब तू होती है सामनेथोड़ा हंस लेता हूं, तेरे अरमान, पूरे हो सारेखुदा से, ख्वाहिश यही हैमैं नहीं हूं तेरे सपनों मेंयही अफसोस करता हूं,जब तू … Continue reading जब तू होती है सामनेथोड़ा हंस लेता हूं।।
रात का आलम
आज रात का आलम भी,कुछ और था,ना वो, वो थी, ना मैं, मैं था,कुछ बिखरे हुए पन्नों को,सम्हालने में, तू भी,और में भी, मुगशूल था।।देव
तुम्हे इक बार, ये सुख और दिया था,
आज ही, तुमने ये रूप लिया था,मेरे जीवन को, तुमने धन्य किया था, यूं तो मां, मैं पहले भी थी, पर,तुम्हे इक बार, ये सुख और दिया था, देव
जहा से चला था, वही, खुद को खड़े पाया है
आज फिर वही दौर,लौट आया है,जहा से चला था, वही,खुद को खड़े पाया है, बेफिक्र, बिंदास हुआ,करता था कभी,बेकार की बातों में,गुजरता था दिन, अनजान से शहरों में,सबको पर भटकना,कोई तो मिले अपना,बेसबर होकर ढूंढ़ना, फिर तुम मिले, लगा,मंजिल मिल गई,जो थी जिंदगी, वोवैसी ना रही, थोड़ी खुद से भी,मोहब्बत हो गई,जीने की और,चाह हों … Continue reading जहा से चला था, वही, खुद को खड़े पाया है
मैं हूं आवारा
अब तो आदत सी हो गई है,टूटने और फिर जुड़ने को,और ऐसा नहीं, कि तोड़ा हो,बहुत ने मुझे,जिसे समझ अपना,उसी ने खिलौना समझा,जब तक था काम का रखा,फिर फेंक दिया, दिल तो पहले भी टूटा है,मगर इस बार कुछ यूं टूटा,वो भी रोती रही, औरबहुत मैं भी रोया, जख्म अभी हरे है,ना पूछना हाल मेरा,ना … Continue reading मैं हूं आवारा
मंजिल कैसे पाओगे
रोक दो काफिले दर्द के, आगे क्यूं कर ले जाओगे,दर्द बांटोगे, गर तो, दर्द ही पाओगे। बहुत खुदगर्जी, हो गई, अब तो सुधर जाओ,नफरतें दिल में रखोगे, तो प्यार कैसे पाओगे। चिराग भी बुझते है, दिखा कर रास्ता इक दिन,आंखे जो ना खोलोगे, तो मंजिल कैसे पाओगे। देव