तिरंगा

मिटा दू मैं अपनी पहचान, तेरे वास्ते पल मेंतू मुझको, तेरे होने का अहसास करा दे, तू है वही, जो मिलता है, हर साल दो बार,तू हर रोज, हर गली में मिल कर दिखा दे, है इश्क़ आज भी मझे, हद से ज्यादा, तुझसे,है इश्क़ तुझे मुझसे, तो आज दिखा दे, निकलूंगा पहन तिरंगा, बेखौफ … Continue reading तिरंगा