सुबह होने से पहले, जिंदगी जी लेना

हारे भी है तो क्या जिताया भी उन्हीं को जिन्हे समझा था अपना वो चले भी जाएं तो क्या हम अब भी यही है जहां दिल है अपना रास्ता अभी बाकी है मंजिले और भी है मिलेंगे अभी बहुत हमसफ़र रहो में उदास ना हो बस, इक रात ही तो निकली है फिर दिन निकलेगा, … Continue reading सुबह होने से पहले, जिंदगी जी लेना

हुस्नरा है तू, दिलो पे राज करती है

तेरा नाम तेरी खूबसूरती बयां करता है हुस्न तेरा तेरी आवाज से बरसता है तू दूज के चांद सी दिखती है तेरे चेहरे से चांदनी झलकती है ये नज़रे देखने को तुझे तरसती है दिल की धड़कन, बस तेरे लिए धड़कती है यू ही नहीं, आशिकों की फौज तुझपे मरती है हुस्नरा है तू, दिलो … Continue reading हुस्नरा है तू, दिलो पे राज करती है

क्या मिला , जो तुम इंजिनियर हो गए हो

पसंद को भुला, जरूरतों में खो गए हो। ऐ मेरे यारो, तुम कहा को गए हो।। कितने अरमानों से, सजाए थे सपने रातों जाग जाग कर, पड़ते थे संग में सुनते थे आनी मोहब्बत का फसाना जिंदगी में कुछ तो है ,कर के दिखाना अब कहा नौकरी के फेर में पड़ गए हो ऐ मेरे … Continue reading क्या मिला , जो तुम इंजिनियर हो गए हो

पौशिका

नन्हे नन्हे हाथों को बड़े सलीके से हिलाते हुए चेहरे की पलकों को बनाते आंखो को झिलमिलाते हुए कभी होठो को मिचकाना कभी थोड़ा रुक कर कुछ सोच कर कुछ और बोल जाना उसकी लगातार चलती बातों का ट्रेन की पटरी की तरह दूर तलक जाना और हर एक प्रश्न पर बड़ा सा निबंध उत्तर … Continue reading पौशिका

ये मोहब्बत सबको रास नहीं आती है।

ये मोहब्बत सबको रास नहीं आती है। कुछ है जिन्हे, दिल की, आवाज नहीं आती है। ना दर्द, बसता है दिलो में उनके। ना इश्क़ का जुनून मिलता है। प्यार के नाम पर, इस बाज़ार में। हवस का हुनर मिलता है। जिसे देखो, अपनी जरूरतें लेकर बैठा है। अहम है साथ, और आस लगाए बैठा … Continue reading ये मोहब्बत सबको रास नहीं आती है।

पूजा क्यूं था, क्यूं दी थी मुझे इज्जत इतनी

इस बार फिर से मुझे, बड़ी इज्जत से घर बुलाया गया। अपने आंगन के मंदिर में, सजाया गया। मन्नतों की बारिश, हर जुबान से हुई। हर बंदे ने, मेरे चरणों में शीश नवाया। किसी ने दो, किसी ने चार दिन का मेहमान बनाया। ढोल, ताशो, नगाढो से जश्न बनाया। बैठा मुझे पालकी में, कंधो पर … Continue reading पूजा क्यूं था, क्यूं दी थी मुझे इज्जत इतनी

नई मंजिले, नए रास्ते

नई मंजिले, नए रास्ते, कुछ पास है, कुछ में फांसले कुछ बेफिकर, कुछ परेशान से कुछ दूर चल, मिलेंगे और राह में।। लोग देखते है, देखने दे वो क्या चाहते है, ना फ़िक्र कर नया दिन है ये, नया काम कर कल भूल जा, नई शुरुआत कर खुद पे यकीं, कर ले जरा खुद खुदा … Continue reading नई मंजिले, नए रास्ते

तकिए से, कुछ बात हुई

  सिरहाने रखें तकिए से, कुछ बात हुई रातों में नींद क्यूं नहीं आती, चर्चा की शुरुआत हुई क्यूं मैं जागती हूं तन्हा रातों में क्यूं नहीं आते है सपने सुहाने क्यूं तैरते रहते है जेहन में, पुराने अफसाने तकिए ने कहा: ये बस तेरी नहीं हर किसी की कहानी है फ़िक्र तुझे आज की … Continue reading तकिए से, कुछ बात हुई

तू कोई और नहीं, मेरा ख्वाब है।

तू कोई और नहीं, मेरा ख्वाब है। जुस्तजू जिसकी करी, वो मेहताब है।। तेरे आने से रोशन, ये कायनात हुई। दूज का चांद है और चौदहवीं की रात हुई।। बरस पड़ी है कलियो की, बौछारें चमन में। खिलखिलाहट निकली, जो तूने लबों से।। इश्क़ छाया है हवा में, मोहब्बत की है बारिश। तेरी सांसों की … Continue reading तू कोई और नहीं, मेरा ख्वाब है।

क्यूं लोग जजमेंटल हो जाते है

क्यूं लोग जजमेंटल हो जाते है क्यूं नहीं सत्य को समझ पाते है बस, कुछ पल ही सही बाटने खुशियां, बटोरने गम जाता हूं और भी है मेरे जैसे जिन्हे सम्हालने में कुछ वक़्त बीतता हूं पर कुछ लोग इमोशनल हो जाते है क्यूं लोग जजमेंटल हो जाते है बस एक ही रिश्ता, नहीं रह … Continue reading क्यूं लोग जजमेंटल हो जाते है

कुछ दिलो में फिर से, वही मोहब्बत जगाते है

बैठते तो आज भी सब है मगर मोहल्ले के चबूतरे पर नहीं ना गांव के चौपालों में ना राम राम ना नमस्ते होती है अनजान चेहरों से अब कहा पानी के लिए पूछा जाता है गली से निकलते राहगीरों से अब कौन पड़ोसी की रसोई में जाता है कौन मटकी से पानी पिलाता है अब … Continue reading कुछ दिलो में फिर से, वही मोहब्बत जगाते है

पथ भूल गया था, बहुत कुछ छूट गया था

  पथ भूल गया था, बहुत कुछ छूट गया था पाने की कुछ चाहत में लौटा हूं आज, फिर बचपन में, लिए हाथ फिर हाथो में उंगली पकड़कर चलना सिखलाया, अपने हाथो, निवाला खिलाया तुटलाती आवाज में जब भी पुकारा, पास उन्हें था हर पल पाया गुल्ली डंडा, छुपम् छुपाई, राजा जी की बारात है … Continue reading पथ भूल गया था, बहुत कुछ छूट गया था

ये तो बस शुरुआत है

ये तो बस शुरुआत है अभी तो बस, पहली मुलाकात है अभी तो बस दरवाजे पर दस्तक दी है अभी तो बस तुझे करीब से देखने की कोशिश की है माना, नाकाम थी कोशिश मेरी पर, हसरतें तुझे छूने की पूरी की है माना, जान चली गई तुझ तक पहुंचने में पर, आखरी सांस तो … Continue reading ये तो बस शुरुआत है

पूछे है राधा, क्यूं मिला किष्णा मुझे तुम्हारा प्यार आधा

पूछे है राधा, क्यूं मिला किष्णा मुझे तुम्हारा प्यार आधा क्यूं बांटो तुम गोपियों को मेरे हिस्से का निवाला क्यूं तुम रास रसाओ सब संग क्यूं तू चाहो सबको मुझ संग किशन मुस्काए राधा को बताए हे राधे, तुम मैं हूं मैं तुम और मैं कहां बाट रहा हूं में तो सब में बसा हूं … Continue reading पूछे है राधा, क्यूं मिला किष्णा मुझे तुम्हारा प्यार आधा

क्यूं तुम, तन्हा रात मेरे भरोसे छोड़ गए

तुम पास होकर भी, बहुत दूर थे जाने, किस ख्यालों में मगशूल थे कुछ पल तो बैठते, गुजारते साथ में जब आ है गए थे मेरे चमन में रात में माना, नशा थोड़ा मुझे, थोड़ा तुम्हे था पर जुनून भी तो हमे कम ना था फिर क्यूं तुमने कुछ ना कहा, ना किया रात भर … Continue reading क्यूं तुम, तन्हा रात मेरे भरोसे छोड़ गए

कभी वक़्त नहीं होता है कभी नहीं गुजरता है

कभी वक़्त नहीं होता है कभी नहीं गुजरता है जिंदगी का सिलसिला कुछ यू ही चलता है हंस लो हंसा लो थोड़ा गुनगुना लो दर्द का सिलसिला आता जाता रहता है कुछ पल मिले है गुजारो यारो के साथ भी रिश्तेदारों में तो हर पल हिसाब चलता है देव

कब जागेगी जनता सारी, कब जागेगी सरकार ये

वो देखो, चल पड़ी गर्व से बेटी है वो हिंदुस्तान की बिकी मीडिया को क्या करना बिजी है वो सरकार में कोई ना जाने, जीते कितने गोल्ड है, भारत की शान ने क्रिकेट ही, खेल है जाने आधे हिंदुस्तान में वो देखो, फिर जीत के अाई पराओलंपिक की बाड़ में ढूंढ़ती फिरती अपना साया कहीं … Continue reading कब जागेगी जनता सारी, कब जागेगी सरकार ये

आज फिर से उजाला हुआ है

आज फिर से उजाला हुआ है नया सवेरा है ये क्यूं उदास बैठा है मन रेे उठ, चल, बड आगे दिन बड़ा पड़ा है सामने माना कल बड़ा कठिन था तेरे जीवन में आया भूकंप था स्याह रात ने था घेरा जीवन में हो गया था अंधेरा, पर ये तेरा विश्वास ही था की सुबह … Continue reading आज फिर से उजाला हुआ है

तेरा क्रंदन देखकर, बह निकली अश्रुधारा।

तेरा क्रंदन देखकर, बह निकली अश्रुधारा। कुछ वक़्त और सह के पीड़ा, फिर होगा वक़्त निराला।। मैं क्यूं चित्त में चिंता भर लू, होत वहीं को प्रभु प्यारा। स्वयं प्रभु की मर्जी से, चलता है जग ये सारा।। देख ये माया, कृष्णा की, कृष्ण बना मेरा लाला। रचे है ये देखो लीला कैसी, पी कर … Continue reading तेरा क्रंदन देखकर, बह निकली अश्रुधारा।

कमसिन हूं कमजोर ना समझो तुम

मुझे कमजोर समझने वालो समहल जाओ यू ताकने वालो मुझे खिलौना ना समझो तुम कमसिन हूं कमजोर ना समझो तुम अब मैं तुम्हारा प्रतिकार करूंगी गर पड़ी जरूरत तो संहार करुगी दया दिखाना बंद करो अब स्त्री पर ना जुर्म करो अब मेरा सम्मान तू करना सीख अपनी पे अाई तो मांगेगा जान की भीख … Continue reading कमसिन हूं कमजोर ना समझो तुम