जिस राह से गुजरे, फूल बिछ जाएं

मुस्कुराहट तेरे चेहरे पर,कायम रहे हरपल,ख्वाहिशें तेरी, ना कम हो,मिले जो चाहे, हरदम। फिक्र का, ना नाम,तेरे लबों तक आ पाए,जिस राह से गुजरे,फूल बिछ जाएं। तेरी हकीकत, तेरे सपनों से,हो वक़िफ,तेरे अपनों की, आंखो का,नूर तू हरदम रहे।। देव

तुम क्या रूठी, मैं, मुझसे जुदा हो गया

तुम क्या रूठी,मैं, मुझसे जुदा हो गया,जैसे, मुझमें से, मैं खो गया।। सपनों में मेरे, तेरा है बसेरा,नज़रों में बसा है, चेहरा बस तेरा,मुझे, मैं याद था ना रहा,पर तुम क्या रूठी,नींद और चैन, उड़ सा गया,जैसे, मुझमें से, मैं खो गया। तू नहीं थी करीब,मगर, करीब बहुत थी,तेरे चंद लब्जो में, हो जातीबातें बहुत … Continue reading तुम क्या रूठी, मैं, मुझसे जुदा हो गया

दुआ है सबकी, बढ़ो,तुम बढ़ते रहो

These lines are for Kailash।।All the best Kailash।। यूं तो वक़्त काफी,बिताया है साथ तेरे,पर हर बार, मुलाक़ात,नई सी लगती है,तुम्हारे साथ, हर शाम,लेकर हाथो में जाम,यादें कुछ खास,जमा करती है। अक्सर, हंसी मजाक में,अक्सर, बातों बातों में,कुछ खास कह जाते हो,वक़्त ना हो, या बेवक्त हो,तुम्हे हर जरूरत के वक़्तसाथ पाते है। ये गुड … Continue reading दुआ है सबकी, बढ़ो,तुम बढ़ते रहो

मगरुर इश्क़

यूं तो लोग प्यार करने वालो को,दीवाना कहते है, मगर,इस दीवानगी का भी,कुछ और ही लुत्फ है,मगरुर इश्क़ के, हां केइंतेज़ार में, गुजरते लम्हों में,कुछ और ही सुकून है।। कभी घंटो, किसी ना किसी,आस पास उसके गुजारना,जब वो नहीं हूं, एक टक,बैठे मोबाइल की स्क्रीन को घूरना,व्हाटस अप में कोई मेसेज भेजना,और फिर टक टकी … Continue reading मगरुर इश्क़

Random thoughts

जिसके लिए मैं, मैं ना रहा,वही कहती है मुझसे आकर,बहुत बदल गए हो,तुम आजकल।। देव [02/06, 11:01 am] Dev… Devkedilkibaat.Com: यूं ही नहीं, आती है हिचकी अक्सर,खबर देती है, वो जिक्र मेरा करते है।। देव[02/06, 12:32 pm] Dev… Devkedilkibaat.Com: रंज ओ गम कहें, या अहसास ए खुशी,वो मिले फिर से, बिछड़ने के लिए।। देव[02/06, 2:29 … Continue reading Random thoughts

मंजिल बस एक वो है

हजार राहें तेरी,मंजिल बस एक वो है,तेरी नज्मों में, लब्ज़ हजार,नाम बस एक वो हैं,जिसका नाम ना तूलेता है, मगर,दास्तान, हर ग़ज़ल में,उसकी कहता है।। देव 28 may 2020

फसाने छप गए

किसी से चांद बात क्या की,अफसाने बन गए,हमे पता भी नहीं चला,और, फसाने छप गए। मेरे ही अपने, मुझसे,मेरा ख्याल पूछते है,जो खबर नामालूम हमे,उस पर सवाल पूछते है। जो जान के अनजान थे हमसे,वही पहचान, मेरी बताते है,पर्चे मेरे इश्क़ के किस्सों के,बाजारों में बांटते है।। देव 28 may 2020

दूर जाने की कोशिश

दूर जाने की कोशिश, तुझसे,तमाम कर डाली,तेरे नाम पर, लगा तोहमत,नफ़रत दिल में तेरे, भर डाली, मगर, ये दिल, दिल ही तो है,कहा मानता है,हर कदम भी, तेरा गुलाम है,तेरी गली से रोज गुजारता है, दिमाग और दिल, का आपस में,अब थोड़ा वास्ता है,आंखो में तेरी, बस तेरी सूरत,सांसों को बस, तेरा आसरा है।। देव … Continue reading दूर जाने की कोशिश

कुछ पल, मुझे मेरे मिले होते

कुछ पल, मुझे मेरे मिले होते,जिंदगी खुद की, जी लेती,भूल कर, हर जख्म, जो मिले,कुछ पल, सांस ली होती। हर कोई हक, जताने को है बैठा,कभी बेटी, कभी बहन, कभी पत्नी,और कभी मां का फ़र्ज़,निभाने तक की है, यहां आशा। मुझे मैं बनने का, मौका दिया होता,अपने अफसानों में, मेरा नाम लिया होता, मेरी ख्वाहिश, … Continue reading कुछ पल, मुझे मेरे मिले होते

दो लब्ज़ ही सही, वो कह तो जाएं

जिंदगी, कुछ आहिस्ता सी हो गई,वो क्या रूठे, सांसे थम सी गई,गुजरते हुए लम्हे, भी पूछने लगे,क्या बात है, घड़ी क्यूं, रुक सी गई है। अब तो बेजान है, महफ़िल,कहा सुर ताल है, नगमो में,ग़ज़ल, को ग्रहण लग गया है,दर्द ही दर्द, भरा है, नज्मों में। कदम उनके, पल को, थम जाए,दो लब्ज़ ही सही, … Continue reading दो लब्ज़ ही सही, वो कह तो जाएं

दिल में प्यार उसका, बचाकर रख लेना

किस्से उड़ते है तेरे, यू ही, हवाओं में,कुछ अफसाने, बचाकर रख लेना, सपने कहीं ले ना जाए, नींद साथ अपने,थोड़े अधूरे सपने, बचाकर रख लेना। अश्क पोछने तेरे, नहीं है हाथ यहां,कुछ बूंदे, नजरो में, बचाकर रख लेना। प्यार पर, कुर्बान कर दी, दोस्ती सारी,वक़्त है, थोड़ी यारी, बचाकर रख लेना। उससे लेकर, नफरतों का, … Continue reading दिल में प्यार उसका, बचाकर रख लेना

वो दिन ईद बन गया है।।

अब तो चेहरा उनका,ईद का चांद हो गया है,मुलाक़ात उनसे होना,त्योहार हो गया है, कुछ खता हमारी,कुछ बेरुखी तुम्हारी,कहीं इश्क़ झुलस गया है,कहीं ऐतबार हिल गया है, बेशक है कीमती,ये तेरी मेरी यारी,जब भी मिले है हम,वो दिन ईद बन गया है।। देव

क्या, ये दहेज नहीं कहलाता है।

दहेज, एक संकीर्ण परिभाषा बना हुए है। क्या बस लड़के के घरवालों द्वारा मांग ही दहेज है या हम सच में बहुत कुछ भूल रहे है। ये कविता आधारित है, इसी तरह की संकीर्ण मानसिकता पर, जहां एक तरफ तो हम स्त्री पुरुष समानता की बात करते है, वही दूसरी ओर अभी भी बस अच्छा … Continue reading क्या, ये दहेज नहीं कहलाता है।

Random thoughts may 2020

[04/05, 10:55 pm] Dev… Devkedilkibaat.Com: ए दोस्त, तेरे चेहरे पर,कुछ अलग नूर चमकता है,मुस्कुराती रहे, तू सदा,हर नमाज में, दुआ करता हूं।।[07/05, 9:41 pm] Dev… Devkedilkibaat.Com: अमावस का चांद, हो गई हो तुम,करीब होकर भी, बस, नजर नहीं आती।। देव[09/05, 2:39 am] Dev… Devkedilkibaat.Com: नशा ए शराब भी क्या रंग लाता है,जब नशा ए इश्क … Continue reading Random thoughts may 2020

मैं अक्सर, दर्द में भी, थोड़ा हंस लेता हूं

गैरों की हंसी में, खुशी अपनी, ढूंढ लेता हूं,मैं अक्सर, दर्द में भी, थोड़ा हंस लेता हूं, मंजर अक्सर, मेरे आस पास, खास नहीं होते,आम महफ़िल में भी, खास तराने सुन लेता हूं, वो शराब के नाम पर, पानी पिला देते है मुझको,मैं पानी के नशे में भी, मस्त झूम लेता हूं, मेरी किस्मत में … Continue reading मैं अक्सर, दर्द में भी, थोड़ा हंस लेता हूं

It’s better not to fall, in love, sometimes

It's better to be alone, sometimes,It's better to be yourself, sometimes,You can't win,every battle of life,It's better to learn from loss, sometimes. Feel like, one dont exist anymore, sometimesIn the life of someone, one loved, sometimes,Empty space, kills slowly sometimes,Wanna cry a lot, but no shoulder, sometimes Its better not to be loved, by someoneIt's … Continue reading It’s better not to fall, in love, sometimes

मशरूम से कटे बाल

मशरूम से कटे बालों के,धरातल से, ताकती ये जमीं,फेरता हूं जब हाथ तो,लगती है कुछ हरियाली की कमी, कंफ्यूज भी ही थोड़ा,थोड़ा सरप्राइज्ड भी ही,हो गया अब तो, जो होना था,अफसोस में जरा भी नहीं हूं, वर्जन वन से वर्जन थ्रीतक ट्राय कर डाले,पापा की डांट से बचने केजतन हजार कर डाले, कुछ मजाक भी … Continue reading मशरूम से कटे बाल

लगती है वो, मेरी हमसफ़र सी

कभी बेखबर सी, कभी बेसबर सी,लगती है वो, मेरी हमसफ़र सी, बताती भी है, राज वो अपने,सुनाती भी है, सपने वो अपने,कभी रुसवा होती, कभी मुस्कुराती,यूं तो है बड़ी शांत, अक्सर है घबराती,कभी सुबह सी, कभी शाम सी,लगती है वो, मेरे जज्बात सी, पूछे वो कैसे, नहीं जानती जो,मेरी हकीकत, की राजदार है वो,किस्से बहुत … Continue reading लगती है वो, मेरी हमसफ़र सी

मगर जीना कहीं भुला

कुछ कदम बढ़ते है,फिर रुक जाते है,ठिठक कर, ठहर जाते है,मुड़ कर देखने पर,फिर वही, रास्ते पाते है,यूं तो बढ़ गए काफी,मगर, जो छूटना था पहले,हर कदम पर साथ पाते है,जैसे, वक़्त बढ़ते हुए भी,कुछ थमा सा है,मंजिले सामने ही है,मगर रुकी सी है,जैसे, आसमा दिखता तो है,जमीं से मिलता,मगर वो छोर नहीं मिलता,जैसे, जिंदगी … Continue reading मगर जीना कहीं भुला