यार, तू सही है

यार, तू सही है तुझे कोई डर नहीं है तेरी दुनिया, हमसे अच्छी है तेरी रूह क्यूं कि सच्ची है तू सच बोल कर जीता है जब मन किया, कुछ पीता है मन मौजी है, मन मौला है तेरा घर, अक्सर लगा रहता मेला है यार, तू सही है तुझे कोई डर नहीं है तू … Continue reading यार, तू सही है

हां, जिंदगी जीने लगी हूं मैं

फ़र्ज़ निभाते निभाते कर्जदार हो गई हूं मैं, जो कभी मनमौजी थी बेजान हो गई थी मैं दिलो को जीतने की होड़ में खपती रही हरपल दीवारों की सर्द रंगत से बेरंग हो गई थी मैं गैरों की गैरतो, अपनों का लिहाज कब तक करू, इन्हीं की कातिल निगाहों से बेगैरत हो गई थी मैं … Continue reading हां, जिंदगी जीने लगी हूं मैं

और ना कोई समझ पाया

हर रूह की अपनी है कहानी कुछ सुनाई, कुछ महसूस करी यारो के जब आंखो में था पानी दर्द मेरा बहुत कम नजर आया उसके किस्से में, सैलाब उबलता पाया सब्र दिया उसे, जानता हूं बड़ा आसां था बोलना फुट पड़ा मैं भी, जब उसने चेहरा घुमाया कर्ज, माथे पे, लिए दर्द का, फिरते है … Continue reading और ना कोई समझ पाया

हार कर जीतना भी जरूरी है।

पल दो पल ही सही, जिंदगी करीब तो लगी वरना जिंदगी तो यू भी तन्हा गुजारनी है वक़्त गुजरने की आदत ना कहीं पड़ जाए यारो के साथ, वक़्त बिताना जरूरी है बिसात वैसे भी बिछी है हार या जीत, कुछ तो होनी है जीत में हार का नशा हार कर जीतना भी जरूरी है

मंजूर है मुझे

हर वक़्त साथ, जरूरी नहीं। पर तन्हाइयो हमे, तस्दीक नहीं। तू ना, तेरी यादें, ही सही। जिंदगी भर की बातें में करता नहीं। पर, जिंदादिली के कुछ लम्हे, कुछ प्यार भरी बातें, कुछ लम्हे खामोशी के, कुछ खट्टी मीठी बाते, कुछ गिले शिकवे, कुछ शिकायते, कभी तेरे गले लग रोना, कभी, तेरी हंसी में खोना, … Continue reading मंजूर है मुझे

तो बतलाए, हाल ए दिल

कुछ पल, तसल्ली से बैठो, पास मेरे, तो बतलाए, हाल ए दिल थोड़ा तुम करीब आओ, ना शरमाओ तो बतलाए, हाल ए दिल चौखटे दरवाजों की, तकते तकते थक गए कितने ही दिन, राते, मौसम इंतेज़ार में तेरे गुजर गए कभी, इस दर आओ, दस्तक जो तुम तो बतलाए, हाल ए दिल महफिलें तस्दीक तुमको … Continue reading तो बतलाए, हाल ए दिल

यार

फिक्र ने छोड़ा, राहों में साथ मेरा जब थामा, यारों ने हाथ मेरा कुछ गिले शिकवे, कभी शिकायते दर्द जब हो मुझे, पड़ते है यार आयते वक़्त को क्या कहूं, यू ही गुजर गया महफ़िल ए यार, चलती रही थामे पहर वो कही हो, कभी ना दूर लगा इश्क़ भी पास, इतना, कभी ना लगा … Continue reading यार

मैं सिंगल हूं, अकेली ना समझना

मैं सिंगल हूं, अकेली ना समझना मैं सिंगल हूं, अकेली ना समझना संग मेरे जहां मेरा मेरी परछाई यार मेरा सपने देख ना, मुझे पाने के अरसो लगेंगे, मनाने में तू बेसब्रा, मैं तसल्ली हूं मेरी जिंदगी से, मैं टल्ली हूं नशा मुझको है जीने का नहीं शौक मुझको, पीने का मै जीती हूं, शान … Continue reading मैं सिंगल हूं, अकेली ना समझना

नई दास्तां लिखूं

बारिशे तब गिरती है जब सुकून नहीं होता भीगे हुए दिलो पे घाव करती है दर्द लेकर दुआ देने वालो कुछ वक़्त निकालो, इंतजार इधर भी है फिक्र छोड़ी है कहा मैंने अभी यू ही सोचो में उसकी डूबा हूं वक़्त कब कैसे गुजर गया, क्या पता अपनी तसल्ली के लिए जीता हूं तवज्जो, दे … Continue reading नई दास्तां लिखूं

कुछ मिटा लूं प्यास मैं

जल्दी, क्यों, किस बात की किसने कहा, कह दो मुझे बातें, अपनी रात की अभी, कल ही तो, मिले है हम कुछ पल, गुजारे साथ में माना, की है कुछ बाते, जज़्बात में, रात में पर, बड़ी जल्दी हो गई तुम्हे, बांधने की मुझे, पाल से अब तो जी लेने दे जालिम मौका मिला है, … Continue reading कुछ मिटा लूं प्यास मैं

जगा अब हिंदुस्तान है।

ज्वाला अब जलाई है, यूं ना बुझने पाएगी। भस्म कर देगी तुझे, तब ही शांति आएगी।। प्रचण्ड अग्नि जल चुकी, भभक उठी मशाल अब। नसों में रक्त उबल उठा, कटेंगे सर धड से सब।। दुर्गा चली है शेर पे, शिव ने खोली आंख है। असुरो की टोली का सभी, करेंगे रक्तपान अब।। निकल चुकी कृपाण … Continue reading जगा अब हिंदुस्तान है।

आज शहीद हो गया

भारत की औलाद है वो जो वतन पर मिट गया एक और देश का लाल आज शहीद हो गया चला मिटाने था आतंक बचाने लहू हमारा छोड़ सिंदूर अधूरा घर पर वो नन्ही बाला बांधे कफ़न वो सर पर वो शेर बन गया एक और देश का लाल आज शहीद हो गया न्योछावर वो कुंवर … Continue reading आज शहीद हो गया

शहीद

भारतवर्ष के शहीदों के नाम राहें ख़ुदा में मुलाक़ात हुई कुछ बेदर्द बाशिंदों से खुद को शहीद समझते थे नसीब ए जहन्नुम तक ना पाया लगे थे जमीं पे ख़ुदा के रास्ते खुद को ख़ुदा का बेटा था बताते खून की नदियां बहाना बेकसुरो का कतल कर जाना रोशन करने चले थे अंधेरा भी ना … Continue reading शहीद

अब उमर बची नहीं काफी

Happy valentine's day to singles waiting for Thier love वो, कहीं तो होगी मेरी तमन्ना, मेरी आरज़ू मिल जाए आज अगर तो बैठूं, कुछ पल करने कुछ बांते कुछ गिले शिकवे, और कुछ शिकायते, कहा थी गुम वो कहीं क्यूं थी तन्हा मेरी रातें उसकी नज़रों से मिला नज़रे उतर कर जेहन में उसके काश … Continue reading अब उमर बची नहीं काफी

तू कहीं खो गया

This is what, a thought of a daughter, about her father. Written on request of one of my friend, who lost her dad recently. May her dad, rest in peace. चल पड़ती थी हर डगर पे उबड खाबड़ रास्तों पे इसी विश्वास में कि थामी है मैने उंगली तेरी गिरने लगूंगी जब भी लड़खड़ा कर … Continue reading तू कहीं खो गया

स्याह को कुछ हसीं पाया

इश्क़ क्या है, समझने की कोशिश में उमर तमाम निकाली पर, हर बार, जो सोचा, जो समझा उससे, अलग पाया कभी फ़र्ज़, तो कभी मर्ज बना कभी, बेगैरत सी सिसकियों में पाया दामन, अपना साफ रखने के वास्ते कभी, रास्ते में कहीं, छोड़ गया मिल जाता है, अब भी, रास्ते में अक्सर पर, साथ में … Continue reading स्याह को कुछ हसीं पाया

जज़्बात

वो कभी कभी, कुछ परेशान नज़र आती है मेरी आदतों से परेशां हो जाती है मुझे खीजाने के वास्ते, कुछ ऐसा कर जाती है अब मुझे उसकी मासूमियत पे हसीं आती है दिन भर की भागदौड़ में भी, कई बार मुझसे टकराती है शाम के माहौल में, मेरा दरवाजा खटखटाती है बहाने बन जाते है, … Continue reading जज़्बात

अहसास

अहसास तेरे होने का हर पल मेरे यही आस पास क्यूं होता है अब, मैं अकेला तो होता हूं पर तन्हा क्यूं नहीं रहता हूं तेरी, खुशबू मेरे बिस्तर में मेरे कपड़ों में बसी क्यूं है तेरी, बातो में, मुझको दिखती जिंदगी क्यूं है तू होती है सामने या सपनो में कभी मिलती है तेरी, … Continue reading अहसास

तू बदल गई है

तू बदल गई है जो हुआ करती थी अब नहीं रही है तू बदल गई है चूल्हे में झोक के दिन अपना अपनों को खुश रखने में खुद को भूल गई थी वक़्त भी मात खाने लगा था सूरज भी तुझसे हारने लगा था चांद, तुझे ना देख सका था किन्तु अब, तू आगे बड … Continue reading तू बदल गई है