मेरा इश्क़, बस रूहानी है

कई बार मुझसे पूछा गया, देव, तुम्हे फीलिंग्स नहीं आती क्या, या बस, तुम्हे यू ही, दिलों से खेलने की आदत है तुम इतना डरते क्यूं हो इश्क़ करने से यूं सबके लिए, मेरा जवाब इश्क़ तो मैं भी करता हूं। हां, इश्क़ तो मैं भी करता हूं। और एक दिल मेरे पास भी है … Continue reading मेरा इश्क़, बस रूहानी है

रिश्तेदारों का ज्ञान

One of my friend, told me about suggestions of relatives, keeps coming at every part of life, and it's difficult to handle, but I have my own way to handle... Apply those suggestions, as per own understanding. वो कल भी मुझे ही समझाते थे और आज भी, मुझे ही समझाते है कहते है, वो मेरा … Continue reading रिश्तेदारों का ज्ञान

भीड़..

गौर से देखो, इस भीड़ में भी लोग ही है जरा सा टटोलो, अरमान भरे दिल, यहा भी होंगे। कुछ करीब होंगे, कुछ अनजान होंगे कुछ दूर तलक, राह के मुसाफिर होंगे कुछ बेसब्र होंगे कुछ बेकार होंगे पर, दुंडोंगे तो पाओगी कुछ तुम्हारी परछाई होंगे आखिर, भीड़ भी तो हमने ही बनाई है सब्र … Continue reading भीड़..

मेरा इश्क़, बस रूहानी है…

कई बार मुझसे पूछा गया, देव, तुम्हे फीलिंग्स नहीं आती क्या, या बस, तुम्हे यू ही, दिलों से खेलने की आदत है तुम इतना डरते क्यूं हो इश्क़ करने से यूं सबके लिए, मेरा जवाब इश्क़ तो मैं भी करता हूं। हां, इश्क़ तो मैं भी करता हूं। और एक दिल मेरे पास भी है … Continue reading मेरा इश्क़, बस रूहानी है…

तेरे पहलू में, जिंदगी कट जाए….

बस तेरे आगोश में, बैठे रहे। ना होश तुझको, ना मुझको रहे।। तेरी खामोशियों को, पड़ते रहे। हाल ए दिल अपना, बयां करते रहे।। तेरे चेहरे से, ना नज़र हठे मेरी। तेरे हाथो में हो, अंगुलियों मेरी।। अठखेलियों में करू, जुल्फों से तेरे। फेरे तू प्यार से, हाथ बालों में मेरे।। वक़्त रुक जाए, घड़ी … Continue reading तेरे पहलू में, जिंदगी कट जाए….

ब्यूटी मोड…. (Beauty mode)

येलेलो, अब तो हमने मोबाइल में, ब्यूटी मोड भी ऑन कर दिया। ताकि कुछ और सुंदर दिख सके। वैसे तो लोग हमे विश्व सुंदरी कहते है पर कौन नारी, और सुंदर नहीं दिखना चाहती है चाहे गगरी छलकती जाए पर जल, और भरना चाहती है किन्तु, कभी कभी कुछ और ही हो जाता है ब्यूटी … Continue reading ब्यूटी मोड…. (Beauty mode)

हां, इश्क़ ही तो है…

हां, इश्क़ ही तो है जो हर पल, तेरा नाम लेते है अजी सुनना, हर वक़्त आवाज देते है हां, इश्क़ ही तो है कि तेरी, पायजेब के बजने से ध्यान, जो कहीं था भटक जाता है और गौर से सुनना, समझना, तेरी आहट को तू आ रही है, या जा रही है हां, इश्क़ … Continue reading हां, इश्क़ ही तो है…

यूं ही…

जिंदगी अनमोल मिली है तुझको मेरे इंतजार में, यू जायां ना कर हर मोड़ पे मिलेंगे, हजार अफसाने मेरे फसाने पे, ऐतबार ना कर देव

यूं ही….

चलो, इस जहां में तो काफी उलझने है सवारने में वक़्त क्यू गुजारे सपनो में ही सही, पास तो है तेरे आज फिर चलते है, मुसाफिर बनकर देव

यारों की महफ़िल

कौन कहता हैं मैं तन्हा हूं पागल है लोग नहीं जानते यारो की महफ़िल साथ रहती है जब भी मैं याद करता हूं उनकी यादें साथ होती है कोई रिश्ता कोई नाम नहीं उनका बस, याद करो आस पास, बस उनकी बात होती है खुदा, कुछ ना दे कोई शिकवा नहीं जिए यार मेरे, साल … Continue reading यारों की महफ़िल

कुछ पल गुजारे..

कुछ पल गुजारे यारो के साथ आज हर पल हसीं बेशुमार गुजरा भूले शिकवे सारे यारो के साथ थे जब अब फिर जिंदगी की कश्म ए काश है चालू

रिश्ते जुड़ते है…

रिश्ते जुड़ते है फिर टूट जाते है और रह जाती है कुछ यादें दिल किसी कोने में टेबल के नीचे पलंग के पीछे धूल खाते हुआ और जब कभी अकेले में वक़्त की तस्वीरों से झाड़ते हुए धूल दिख जाती है फिर वहीं यादें और फिर कर जाती है हरा नसूरों को देव

तेरे दर्द की दांस्ता…

तू बोलती रही, मैं सुनता रहा, तेरी आंखो से, छलकने की कगार पर, थे जो आंसू, बस, उन्हें इक तक घूरता रहा। जैसे, ढूंढ़ती सी फिर रही आंखे तेरी मुझको यहां कब मिलने पल फुरसत के और खोलेगी दिल तेरा तेरे हर अल्फ़ाज़ और तेरे माथे पे बनने वाली सलवटें तेरे हाथो के इशारे तेरे … Continue reading तेरे दर्द की दांस्ता…

कर्ज और फ़र्ज़

कर्ज और फ़र्ज़ के दरमियान, दिन यू ही गुजर गया।। वक़्त का पता ना चला, खाली हाथ आया था, खाली चल दिया।। दो पल, कभी देता में खुद को, सोचने का पल ना था।। जो पल मिले, बमुश्किल कभी, यादों में जाया हो गए।। कुछ पल बचे तो, इश्क़ करले, इश्क़ में रब है बसा। … Continue reading कर्ज और फ़र्ज़

इक तू ही तो है…

इक तू ही तो है जो हर पल साथ होता है ग़म हो या खुशी तेरा अहसास होता है लोग ढूंढ़ते है, क्यू तुझे मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे में तू जब हर कण में होता है जब, कहते है हर रूह तेरा अंश है तो तू मुझमें भी रहता है और क्यूं डरते है लोग तुझसे … Continue reading इक तू ही तो है…

खुद ही को ठीक करते है।।

शुक्रिया उनको अदा, जो तन्हा मुझे छोड़ गए। कुछ पहचान उनकी मिली, बहुत खुद को पहचान गए।। अब, करे भी तो क्या, आइने में खुद को देखते है। खुद में गलती दुंडते है, खुद ही को ठीक करते है।। देव

मेरी फिक्र, तू ना कर….

मेरी फिक्र, तू ना कर, बेकार की बातों में, ना गवां वक़्त। कुछ खुद का सोच, कब तक यू ही, जिद पे रहेगी, कब तक, अपने वजूद को, खुद से दूर रखेगी, कब तक, जमाने के इशारों पर, अपना मुकद्दर, तय करेगी, मेरी फिक्र, तू ना कर, मैं तो मुसाफिर हूं, अभी यहां, कल क्या … Continue reading मेरी फिक्र, तू ना कर….

रिश्ता विश्वास पे चलता है…

We three family friends, enjoyed fantastic moments few years back… Yday, after long time, had chat in group, and memorised few moments, actions reactions.. One is states in this poetry.. याद है, वो पल जब बैठे यार दोनों सोसायटी की सीढ़ियों में बतियते थे अपनी अपनी आत्मकथा सुनाते थे दुंडती सी, कहीं से आ जाती … Continue reading रिश्ता विश्वास पे चलता है…

दादाजी

One of my friend has lost her Dadaji (Grandfather), and this is based on her experience, when she opened up box he had, that was an emotional moment... दादा, कोई दादाजी कहता है घर में बाहर, चबूतरे पर खाट में, आते जाते लोगो को, सुबह से शाम करते रहते थे राम राम दादाजी, पूरा मोहल्ला … Continue reading दादाजी