मैं जीत कहां से पाऊंगा

मैं मुझसे जुदा हो गया तो,मैं कहा रह पाऊंगा,मैं, मैं कहा रह पाऊंगा,क्षण में भ्ंगुर हो जाऊंगा। तुम लाख कोशिशें कर लेना,नहीं फिर मिल मैं पाऊंगा,इक बार जो टूटी डोर, तो फिरबंध कर मैं नहीं, रह पाऊंगा। स्वछंद नदी सी धारा जैसी,गति जो मैंने पाई है,बांध बना दोगे गर इस पर,फिर से कहां बह पाऊंगा। … Continue reading मैं जीत कहां से पाऊंगा

राह ना भटको

राह ना भटको, फिर से देखो,क्या ये जरूरी है,क्यूं छोड़ चले, पल में सबको,कैसी ये मजबूरी है। धरम हमारा, फक्र हमारा,फिर, क्यूं यूं तुम, मुंह मोड़ चले,प्यार यहां क्या, कम पड़ गया,जो पल में, सब यूं छोड़ चले। जन्म दिया, जिस मां ने तुमको,जिस पिता ने, सुख था वार दिया,एक अनजान के खातिर क्यूं तुम,उन्हें … Continue reading राह ना भटको

ये चिराग उसका, ये रोशनी उसकी

महफ़िल उसकी, मेहमान उसके,वाह वाह करते, ये कद्रदान उसके। माहौल उसका, मयखाने उसके,होठों से छूते, वो जाम उसके। जिसने भी कहीं, वो शायरी उसकी,जो बज गई, वो मौशिकी उसकी। मैं तो बस, चिराग से निकलती लौं हूं,ये चिराग उसका, ये रोशनी उसकी।। देव

चलो, जाने भी दो, बहुत हो गया

चलो, जाने भी दो,बहुत हो गया,रूठों को मनाना,झगड़ों को सुलझाना,दूसरी के हिसाब से,खुद का बदल जाना,नहीं पसंद है, मगरचाय से बिस्किट खाना, चलो जाने भी दो,बहुत हो गया,जो जा रहे है, उनसेरुकने की जिद करना,ना चाहते हुए भी,किसी की बातों पर हसना,बहुत प्यार से, उनसेखाने की मनवार करना। चलो, जाने भी दो,बहुत हो गया,जो नहीं … Continue reading चलो, जाने भी दो, बहुत हो गया

शायद, कहीं खो गया था, जो मेरा था, तुझमें

निकला तो था, सफ़र में, मंजिल तलाशने,तुमसे क्या मिला, तुम्हे मंजिल बना लिया। और तुम, जरा जल्दी में थी, मगर ठहरी सी,पास, मगर दूर बहुत, हाथ भर मगर दूरी बहुत।। काफी वक़्त से खड़ा था, उस मोड़ पर,जहां से गुजरने की, उम्मीद थी कभी तेरी। अब चल पड़ा, रास्तों पर अपने, खुद की तलाश में,शायद, … Continue reading शायद, कहीं खो गया था, जो मेरा था, तुझमें

लगती हो तुम, यही कहीं आसपास

तेरे जिस्म की, सोंधी खुशबू,तेरी सांसों की, नमी का अहसास,कुछ पल की ही, सही वो मुलाक़ात,मेरी यादों में, तेरा रहना, चुपचाप,अक्सर, दिल के दरवाजे को,खटखटाते हुए, तेरा आवाज देना,कहां हो दूर तुम मुझसे,लगती हो तुम, यही कहीं आसपास।। देव

Random Thoughts

[13/07, 12:42 am] Dev… Devkedilkibaat.Com: ख्वाब,ख्वाब में ही सही,तू है तो सही,यहीं कही।। देव[13/07, 5:37 pm] Dev… Devkedilkibaat.Com: तेरे चेहरे पर जो हया दिखती हैहाल ए दिल तेरा बयां करती हैमिटा दे जो पेशानी पर है फिक्र की लकीरेंखुदा को इस साल तेरी ख्वाहिशें पूरी करनी है देव[14/07, 1:48 am] Dev… Devkedilkibaat.Com: उम्मीद ना करना, … Continue reading Random Thoughts

वो इश्क मुकम्मल नहीं,

किसी ने समझाया,वो इश्क मुकम्मल नहीं,जिसमे मोहब्बत के बदले,मोहब्बत नहीं।मियां, उम्र गुज़र जाएगी,मोहब्बत ना मिल पाएगी,यूं ही अपनी जिद को,मोहब्बत ना मानो,जो इश्क़ के बदले में,इश्क़ दे,हाथ उसका थामो।। देव 22 July 2020

वो फिर से मिली,

वो फिर से मिली, उसी मोड़ पर,जहां, अलविदा कहा था कभी,पीछे मुड़कर, तब भी देखा था,मगर, कुछ ना कहा था कभी,अब, जैसे इंतेज़ार में हो,बहुत कुछ कहने को,क्यूं नहीं रुका मैं, नहीं थी समझ,जब उसको, क्यूं नहीं था मैं,जो अब बन गया हूं,क्यूं नहीं, थाम हाथ, ले चला,साथ अपने, सफ़र पर उसको,अब, काफी दूर निकल … Continue reading वो फिर से मिली,

सजा से रखा है मैने, अपना वो फसाना

तेरी जुल्फों के साएं पे, कुछ पल का सुस्ताना,सजा से रखा है मैने, अपना वो फसाना। तेरी सांसों की गर्मी का, मेरी सांसों से टकराना,सिमट कर पल में तेरा, मेरी बाहों में सामना। अक्स अपना देखना, तेरा यूं पुतलियों में मेरी,पलक को बंद कर मुझको, नजरो में बसा जाना। हवा का तुझको छूकर, यूं महक … Continue reading सजा से रखा है मैने, अपना वो फसाना

मेरी सारी खवाविश, को पूरा, कर दिया तुमने

अपने रंग में, मुझको, रंग दिया तुमने,मेरी सारी खवाविश, को पूरा, कर दिया तुमने। बेनाम सी, जिंदगी, जी रहा था मैनाम हुआ जब, नाम अपना, जोड़ दिया तुमने।मेरी सारी… सपने मेरे, कुछ खास ना थे, सिवा तेरी मोहब्बत,अपने दिल पर, नाम तेरा, लिख दिया मैंने।मेरी सारी… हर शाम, गुजरती ही, दिला याद तेरी,तसल्ली है कि … Continue reading मेरी सारी खवाविश, को पूरा, कर दिया तुमने

हे मां, सरस्वती, तेरा करे हम वंदन

है मां, तू है ज्ञान की ज्योति, तेरी पूजा करे हम,तूने दी हमको है शक्ति, तेरी वंदना करे हम। हे मां, तेरा आशीष लिए, चल पड़े है डगर पर,अब नहीं है डर, बिंदास चले तेरे पथ पर। हे मां, तू है लक्ष्मी रूपम, तू ही दुर्गा, तू काली,तेरे चरणों में न्योछावर, हमारी हर कलाकारी। हे … Continue reading हे मां, सरस्वती, तेरा करे हम वंदन

जिंदगी के सफ़र में, हमसफ़र बन चलो

कुछ कदम साथ चले, कुछ कदम और चलो,जिंदगी के सफ़र में, हमसफ़र बन चलो।। ये पल, जो दर्द का है, गुजर जाएगा कुछ पल में,ले हंसी, लबो पर, खुशमिजाज तुम रहो,जिंदगी के सफ़र में…… मैं हूं वही खड़ा, जहां तुम छोड़ कर गई,जरा रुख इधर का करो, हाथ थाम कर चलो,जिंदगी के सफ़र में…. कुछ … Continue reading जिंदगी के सफ़र में, हमसफ़र बन चलो

फिक्र तो उसे भी रहती होगी

फिक्र तो उसे भी रहती होगी,बस वो बयां नहीं करती,बचा कर रखा है इश्क़ अपना,यूं ही वो जाया नहीं करती। कौन अपना है, कौन पराया,कुछ समझ नहीं आता,वक़्त कितना ही, लगा दो,अक्सर, चला जाता है जाया। हदें पार करने का, मौका,ना दिया मैंने कभी,हदें पार कर, इश्क़ करे कोई,तो ना कहा नहीं जाता।। देव 17 … Continue reading फिक्र तो उसे भी रहती होगी

मुद्दा तो यही है

मुद्दा तो यही है,मैं उसे चाहता हूं, और,वो कुछ और चाहती है, कहते है, शिद्दत से किसी को चाहो,तो पूरी कायनात, तुम्हे उससे,मिलने में जुट जाती है, मसला भी यही है, कि कायनात,खुद है परेशान,के शिद्दत का तराजू,नहीं पता, है कहा। मगर, प्यार भी तो यही सिखाता है,पाने से ज्यादा, प्यार की खुशी चाहो, बस, … Continue reading मुद्दा तो यही है

इश्क़ खुद से बेशुमार है।।

चौखट से निकाल कदम,उसने आज बड़ा ही दिया,हदों का अपनी, दायरा,पल में आज समाप्त किया। कहने को तो खुश है,खुशियों का अंबार है,मगर, भरे घर में भी तन्हा,नदारद, उसका वाला प्यार है। चल पड़ी, बाद पड़ी,वो निडर, अकेली सी,ना कोई साथ, चाहिए,ना चाहिए मोहलत कोई, वक़्त जो भी है बचा,उसका है, बस उसका है,जिंदगी का … Continue reading इश्क़ खुद से बेशुमार है।।

मोहब्बत में कैसे, रूठेंगी मुझसे

मोहब्बत में यूं ही नहीं बह गया मैं,उसके ख्वाबों में था खो गया मैं,तन्हा कहा था, अब रह गया मैं,दूरियों में भी, करीब उसके था मैं।।अब बस, उसकी यादें, उससे है ज्यादा,रहती है साथ, छोड़ सारी मर्यादा,ना खोने का डर, ना छूटेंगी मुझसे,मोहब्बत में कैसे, रूठेंगी मुझसे।।देव 16 July 2020

किसी से दो बातें कर लो

कुछ मुरझाते से चेहरों को,हंसाने का, इंतजाम कर लो,जब भी वक़्त मिल जाए,किसी से दो बातें कर लो, कहा फिक्र रहती है, कौनपूछता है हाल ए दिल यहां,कुछ यार, गर मिले भी है,उन्हें, चंद किस्से कह दो, बरसात का मौसम है, औरतन्हा दिल है काफी यहां,वो खुशियों की, छतरी है गर,यारो के भी, हिस्से कर … Continue reading किसी से दो बातें कर लो

कुछ पुराने यारो से, मिला जाए।।

बिखरे पड़े किस्सों को, समेटा जाए,कुछ पुराने यारो से, मिला जाए। उसी शहर की तंग गलियों में,जहां कभी खेले थे कंचे,लगाई थी दौड़ साइकिल्स की,कभी गिरते, कभी पड़तेघावों पर मिट्टी मलते,चल एक राउंड और हो जाए,हवा से फिर सरपट बाते करते,कुछ वक़्त फिर गुजारा जाए,कुछ पुराने यारो से, मिला जाए। कुछ अब भी यही है,कुछ … Continue reading कुछ पुराने यारो से, मिला जाए।।

क्या, तू यू ही डर जाएगी

थपेड़े खा कर, तूफानों के,पहुंची है तू , यहां तक,कहां आंधियां, तुझे,जरा हिला पाएंगी,क्या, तू यू ही डर जाएगी। अंधेरों में रही, मुश्किलेंकितनी सही, स्याह रातों में,पलकें खुली रही, ये शामकहां तुझे भयभीत कर पाएंगी,क्या, तू यू ही डर जाएगी, कुछ बचा ना सुनने को,सुना है तूने, जाने कितना,अब इन लोगो की, बेतुकी बातें,कहा कुछ … Continue reading क्या, तू यू ही डर जाएगी