अब, मैं, मैं कहा रहा…

साथ बैठ, जिनके , जीने की बात करी,खंजर खोप पीठ पर, अपना परिचय दिया, नज़रे उठा कर देखने में, फिर भी फक्र हुआलोग कहते है सही, अब मैं, मैं नहीं रहा, निकला था छीनने दर्द, लोगो के राह में,जब तक, मतलब रहा, मुझ पर यकीं किया, वक़्त बदलते ही मुझे, दुत्कार भी दिया,लोग कहते है … Continue reading अब, मैं, मैं कहा रहा…

सबसे सुंदर, तेरा स्वरूप

अति सुंदर, तेरा ये रूप,सबसे सुंदर, तेरा स्वरूप,तू सुबह की लालिमा,तू शाम की धूप,तू रिमझिम बारिश में,चमकता इन्द्रधनुष,तेरी लालिमा, मेरी कविता,तेरा प्यार की, ये प्रतिबिंबतेरी किरणों से, चमक उठा,रात अमावस था जो दिन,मैं तो ओझल, कब का था जहां में,तुझे देख, मिला मुझे ये दिन,नाज़ मुझे, लिखने पर है कि,नहीं लिखी कविता संगीन,तेरे चेहरे पर, … Continue reading सबसे सुंदर, तेरा स्वरूप

हर कोने में, यारो का, है बसेरा

तुम हो ना, साथ मेरे, साथ तेरे, मैं हूं ना,कुछ पल, खुशी के, हसीं के, गुज़र लो ना, तन्हा, कौन कहता है, मैं हूं ना, तुम हो ना,रिश्ता, दोस्ती का, कुछ कम नहीं ना, कौन कहता है, सफर में हमसफ़र चाहिए,साथ यार है, तो बस इक, सफर चाहिए, दिल है, और दिल भरा है मेरा,हर … Continue reading हर कोने में, यारो का, है बसेरा

बे फिकरे बिंदास, है सब

कौन कहता है, गमगीन है हम,कौन कहता है, खुद पे यकीं है कम, राह है, और मुसाफिर है कम,जो भी है, यार साथ है, फिर क्या ग़म, चार कदम ही सही, चल पड़े हम,बे फिकरे बिंदास, है सब देव

जो कल थी वहीं आज भी ही

बचपन से तुम्हे देखा है,जो कल थी वहीं आज भी ही,स्नेह से भरा, संसार भी हो, प्यारी सी तुम्हारी आवाज में,भाई शब्द का सुनना,रुकना, मुड़ना, और तुम्हारा प्यार से देखना,दीदी, तुम आज भी वही हो, ना प्रपंच, ना कोई छल,सच्चा प्यार, चाहे आज हो, या कल,यूं ही नहीं, चाहते है सब तुमको,तुम इस खानदान का, … Continue reading जो कल थी वहीं आज भी ही

ये दिल तन्हा क्यूं है

रंग तो हजार, भर लिए हमने,पर ये खालीपन क्यूं है,या, यू कहूं, भारी भीड़ में भी,ये दिल तन्हा क्यूं है, मेरे हर पल को, सजा दिया उसने,रात को दिन, हर शाम, सजा दी उसने,फिर भी, अंधेरों से दर लगता क्यूं है, खुशियां, जहां भर की,झोली में बरस गई मेरे,हर वक़्त, यारो की, महफ़िललगती है घर … Continue reading ये दिल तन्हा क्यूं है

बस, चंद पल ही तो साथ थे

बस, चंद पल ही तो साथ थे,और कुछ बाते ही तो थी,थोड़ा तेरा साथ, बहुत था,तुझे चाहने को, माना, पहली बार, करीब तेरेमैं कुछ पल बैठा,माना, पहली बार, तुझे करीब से छुआ,बस काफी थातुझे चाहने को, माना, पहली बार, तूने मुझकोपास अपने बुलाया,माना, पहली बार, तेरे दिल की,धड़कने सुन पाया,तेरी सांसों की आवाज, काफी थीतुझे … Continue reading बस, चंद पल ही तो साथ थे

तुम अपनाओ तो सही

माना, तुम दूर, बहुत दूर, हो मुझसे,इन दूरियों को मिटा दूंगा पल में,तुम बुलाओ तो सही, माथे पर, शिकन लेकर जो घूमती हो तुम,पल में, मिटा दूंगा इन्हे,शिकवे बताओ तो सही, तन्हा रातें, सताती है, अक्सर तुम्हेदीवाली हर रात, मना दूंगा तुम्हारी,दिया जलाओ तो सही, माना, इश्क़ रास नहीं आता तुमको, परमोहब्बत क्या होती बताऊंगा … Continue reading तुम अपनाओ तो सही

यूं तो, तन्हा ही रह जाओगे

कुछ शिकवे, कुछ शिकायतें,अपनों की कहीं, कुछ बातें, कितना बोझ उठाओगे,यूं तो, तन्हा ही रह जाओगे, भुला दो, जो पसंद ना आए,याद तो करो वो पल,जो दिल को सुकून दिलाए, मिलते है यार, मुश्किल से जहां में,ना खोना, जो है किस्मत से पाए, लगा के बैठोगे, दिल से,जो दर्द देता है, तो दर्द ही पाओगे, … Continue reading यूं तो, तन्हा ही रह जाओगे

तुम होगे तो सही

तुम होगे तो सही, मेरे अरमानों को समेटेबैठा हूं मैं कब से,आज नहीं तो कल,पूरे होंगे तो सही,तब तुम मेरा साथ, दोगे तो सही। मानता हूं, दूर बहुत हो तुम,पर दिल के बहुत करीब हो तुम,बस इतना बतादो, जब याद करूंगा तुम्हे,तुम मेरे आस पास, होगे तो सही।

यार, तू साथ है, फिर क्या बात है

यार, तू साथ है, फिर क्या बात है,कौन कहता है, में अकेली हूं,जब हाथो में, तेरा हाथ है, तू कदम तो बड़ा,तू मस्त होकर चलती जा,कदम लड़खड़ाने गर जरा,राहों में तेरी, मेरा हाथ है, आसमां छू ले जरा,तू खुल के उड़ ले जरा,बालों को अपने तू उड़ा,सपनों से ऊंची, उड़ती जा।। तू है यही, मेरे … Continue reading यार, तू साथ है, फिर क्या बात है

बयां, करता हूं हाल ए दिल अपना

अक्सर जिंदगी मिलती है मुझे राहों में,अक्सर, पूछती है हाल मेरा,बयां, करता हूं हाल ए दिल अपना,चांद अल्फजो में, क्या कहूं, क्या ना कहूं,कष्मेकश सी है यहां,रिश्ते निभाने में गया,अनमोल वक्त जो था मेरा, अब हूं अकेला, चल पड़ा,हूं अनजानी राहों पर,ना सोचा, मंजिल का मैंने,बस आस है, अल्लाह पर, मिलते गए, मुसाफिर कभीकुछ कदम … Continue reading बयां, करता हूं हाल ए दिल अपना

पर दिल अभी जवान है

माना, बालों में रंग लगा है,पर दिल अभी जवान है,कुछ नया देख, आतीमेरे होंठो पर भी मुस्कान है, आज भी, बड़े जतन से,सेल्फ़ी अपनी लेती हूं,इंस्टाग्राम फेसबुक पर,अपना स्टेटस चेंज करती हूं, रातों में, मैं भी अक्सर जागती हूं,बच्चो से नज़रे बचा,घर से निकलती हूं,चाय की टपरी पर,दोस्तो से मिलती हूं, आज भी, अपने पर्स … Continue reading पर दिल अभी जवान है

करीब दिल के कर लिया

चंद लकीरों में ही,तेरा चेहरा उतर गया,बिन देखे, बिन जाने तुझे,करीब दिल के कर लिया, खुशबू यूं ही नहीं,बसी है, कागज में मेरे,तेरी तस्वीर ने स्याही में,इतर भर दिया, वो यूं ही, मलते रह गए,हाथो को अपने,तस्वीर से निकाल कर तुझे,मैं साथ हो लिया। देव

तुझे रंगो का जुनून है

तुझे रंगो का जुनून है,तुझमें रंगो का हुजूम है,बेरंग कैसे रहे कोई,जिसपे तेरा फितूर है, तू पाकीजा है,तुझपर कितने फिदा है,तू आरजू है जिसकीतू उसकी खुदा है, बस, तेरी एक हां, की खातिर,तेरी चौखट पर, वो बैठा है,तू मुस्कुरा दे, इक बार जरा,तेरे क़दमों में रख दे जहां ये।। देव

मुझे कुछ पल ये तेरे, यार दे दे

कुछ और नहीं है, आस मुझको,लग जाए मेरी उमर , सारी तुझको,यूं ही रहे खिलखिलाहट, चेहरे पे तेरी,तेरे सारे गम, मिल जाए मुझको, और गर, देना चाहता है,गर कुछ मुझको, कुछ हसीं मुझे भी, तू उधार दे दे,बेइंतेहा, खुशी का उपहार दे दे,बचपन का ये बेफिक्र, तेरा रहना,मुझे कुछ पल ये तेरे, यार दे दे, … Continue reading मुझे कुछ पल ये तेरे, यार दे दे

ये समझाए कैसे

दर्द अपने जिगर का,नहीं बयां कर सकते उनकोवो चाहते है दिल मेरानहीं से सकते, ये समझाए कैसे, तमन्ना तो हमारी भी है,समा जाए, आगोश में उनके,पास होकर भी, दूर है इतने,करीब जाए कैसे, उजाड़ चुका है चमन मेरा,पहले भी कई बार यारो,तुम है बताओ, अब यू ही,फना हो जाएं कैसे।। देव

तेरी मौजूदगी, कुछ अलग, रंग खिला रही है

कुछ अलग, ये सुबह मुझे नजर आ रही है,तेरी मौजूदगी, कुछ अलग, रंग खिला रही है, यूं तो, होता हूं, मैं हर सुबह,मुहाने पर दरिया के,पर तेरे पांवों से टकरा,लहरें गुनगुना रही है, सूरज की, जो भी किरण,तेरे बदन को, छूकर, आ रही है,फिजा में हर तरफ तेरी,खुशबू, फैला रही है बस, थम ही जाए … Continue reading तेरी मौजूदगी, कुछ अलग, रंग खिला रही है

तू अनजान सही

तू अनजान सही,पर पहचानी लगती है,क्यूं तुझसे क्यूं मेरी,पुरानी यारी लगती है, क्यूं, बार बार, तुझे,देखने को दिल करता है,क्यूं, हर बार, मेरा रास्ता,तेरे करीब से गुजरता है, तेरे चेहरे का, हर भाव,तेरी चंचलता कहता है,तेरी आंखो में मुझे,तेरा भोलापन दिखता है।। पहली मुलाक़ात है, तुझसे मेरी,पहली बार तुझे देखा है,पर सुकून मिला मिल कर … Continue reading तू अनजान सही