तू बदल गई है
जो हुआ करती थी
अब नहीं रही है
तू बदल गई है
चूल्हे में झोक के दिन अपना
अपनों को खुश रखने में
खुद को भूल गई थी
वक़्त भी मात खाने लगा था
सूरज भी तुझसे हारने लगा था
चांद, तुझे ना देख सका था
किन्तु अब, तू आगे बड गई है
तू बदल गई है
एड़ियों में पड़ी दरारे चिल्लाती थी
उंगलियों में चाकू से बनी धारिया पुकारती थी
सुफेदी तेरे बालों से झाकने लगी थी
और तू मागशूल अपने कामों में
कमर के दर्द को भूल,
सबको सुलाने लगी थी
किन्तु, अब तू बेफिक्र सोने लगी है
तू बदल गई है
अब तू खुद को जीती है
मतलबी थे सब, छोर गए एक दिन
अब तू आइने को कुछ पल देती है
भूला कर भूत अपना, खुल के हसती है
कभी लोग यू ही खूबसूरत बोलते थे
अब बला की खूबसूरत लगती है
ये मैं नहीं, तेरी तस्वीर बोलती है
तू अब बिंदास जीने लगी है
हां, तू सच में बदल गई है
देव