कभी रिश्ते होते है, पर नाम नहीं होता है

परिवार, कुछ इसी तरह पूरा होता है
कोई पूर्ण परिपक्व, कोई मंद बुद्धि होता है

सुना है पिता का नाम, माता का प्यार जुड़ा होता है
दादा दादी, नाना नानी का दुलार जरूरी होता है

हर रिश्ते की एक अलग पहचान होती है
प्यार के धागों से बंधे और कभी तकरार होती है

और बस, मिल जाते है, यू ही रह में चलते हुए कभी
और आ जाते है दिल के करीब, कुछ ही मुलाकातों में

ना खून मा दूध ना जन्म का बंधन कोई
कभी रिश्ते होते है, पर नाम नहीं होता है

देव

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