किसने कहा, सब लूटा दो
लुटेरों पे, जो लुटने आए थे
तुम हो, तुम्हारा जमीर
तुम्हारी आबरू
अब भी यही है
तुम नहीं कुछ खोकर आए हो
फ़िक्र तुम्हे नहीं
उन खुद गर्ज दरिंदो को होगी
जिसे पाने की होड़ में
बेचा ईमान जिन्होंने
कहीं चौराहे पार नीलाम अपना
जमीर करके आए थे
देव
अतिउत्तम