Happy friendship day!!! दोस्त, ये कोई रिश्ता नहीं बस, एक नाम है हमेशा से साथ नहीं है पर बहुत खास है टूट गए रिश्ते पल में जो जन्म से बांधे मुझको थे मिला यार, अनजान डगर पर बैठा हर पर साथ है अरे, तुम तो आते ही नहीं हो, तुम्हे हमारी याद नहीं आती, जब … Continue reading जब दोस्त, तू साथ होता है
Month: August 2019
मैं
मुझे वक़्त भी ना ठहरा सका दरिया हूं मैं, बस बहना जानता हूं विशाल है पहाड़, लंबे है मैदान काट कर चट्टानों को, बढ़ना जानता हूं कश्तियां हजारों, मुझे चीरती है हर दिन बांधों से बांधने की, कोशिशें है अपार ठहर जाता हूं, कुछ पल को, खुश करने उन्हें पर जब उफान आता है, फिर … Continue reading मैं
पहचान नारी की।।।
आज मैं खुद से, अपनी पहचान पूछ डाली कौन हूं मैं, क्या नाम है मेरा मकसद क्या है कुछ तो पता चले या यूं ही, लोगो के कहने को मानती रहूंगी मैं यू ही, अनजान रास्तों पे जाती रहूंगी वैसे, मेरे प्रश्नों का जवाब शायद मुझे भी ना पता था इतना मुश्किल होगा खुद को … Continue reading पहचान नारी की।।।
यही मेरी मोहब्बत है।।।।
मेरी मौशिकि में जिक्र तेरा यू ही बेवजह नहीं होता तेरे अंदाज़ के, सब ही नहीं हम भी कायल है तेरे इश्क़ में देने शहादत खड़े है दीवाने हजार बचा लू, जान आशिकों की यही मेरी मोहब्बत है देव
दर्द और इश्क़
दर्द है तो इश्क़ क्या और इश्क़ है तो दर्द क्या मोहब्बत में जान देकर होगा क्या मोहब्बत में जान लेकर मिलना है क्या इश्क़ अहसास है जीने का आभास है वो बहुत दूर है फिर भी बहुत पास है अपना बनाने की मुझे होड़ नहीं उसमे खो जाने का जुनून है नाम उसका क्यूं … Continue reading दर्द और इश्क़
Random thought July 19
कब तक मुलाकातों में मकसद और मकसद से मुलाकाते करती रहेगी वक़्त और इंसान वहीं है जो कल थे बस, फितरत कुछ बदल सी गई है देव पलकों के नीचे तुमने, जो एक चमन बसाया है। वहीं कहीं मैंने, अपना आशियां बनाया है।। देव दर्द के अहसास से, उदासी मेरे चेहरे पर भी आती है। … Continue reading Random thought July 19
उन्नाव की बेटी
मेरे शरीर से, हर मांस का टुकड़ा नोच डाला बेटी बचाओ चिल्लाने वालो ने ही, बेटी का गला घोट डाला चिल्लाती रही, सिसकती रही हाथो को जोड़ने की कोशिश के साथ बार बार ये विनती करती रही छोड़ दो मुझे हाय, छोड़ दो मुझे मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है अभी तो ख़तम हुआ नहीं मेरा … Continue reading उन्नाव की बेटी