खुद से, यकीन कर, तू मेरे प्यार पे।।

वैसे तो अकेले जीना सीख लिया था,
तुम मिले, फिर जीने की चाहत हुई,
थोड़ा, आगे बढ़ी, और दूर निकल गई,
यहां, मैं हूं, और मेरे जेहन में बसे तुम,
और ये, वादियां, ये पत्थर, ये समुंदर,
और कुछ यादें, तो कुछ सपने,
चल पड़ी, फिर से, रास्तों में जिंदगी के,
अब मैं खुश हूं, बहुत खुश,तेरे इंतज़ार में,
आज नहीं तो कल, तुझे भी होगा इश्क,
खुद से, यकीन कर, तू मेरे प्यार पे।।

देव

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