दूर है, पर कहा, रहतीं तो यहीं है

दूर है, पर कहा, रहतीं तो यहीं है,
मेरे दिल के आस पास,
और अक्सर आवाज भी देती है,
जब कभी, मैं भटक जाता हूं,
रास्ते, कुछ पल में, सम्हाल लेती है,

मेरे ख्वाबों में आकर, मुझसे,
बातें बहुत करतीं है,
अपने ख्वाबों को बयां करती है,
और उसके ख्वाबों में,
मेरी भी जगह है, ये उसकी,
आंखे बोलती है,

इकरार ही सब कुछ नहीं होता,
कभी इंतेज़ार भी, बड़ा,
हसीन होता है,
उनसे दूर होकर भी,
दिल करीब होता है,
बिन छुए, उसके छूने का,
कुछ अलग अहसास होता है।

देव

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