जिंदगी है वो, कहा रुकती है वो

दिल ही तो है,
पल में बनता, पल में बिगड़ता है,
जो है नहीं करीब,
उन्हें याद करता है,
जो है, उनसे कहा बात करता है,

बेसब्री भी मुझमें,
दिल ने है तो दी है,
वरना कहा, इंतेज़ार करता था मैं,
वो रहती तो हमेशा,
है पास मेरे,
मगर, तसव्वुर से उसके,
डरता था मै,

कहीं, कहीं बुरा तो,
नहीं मान वो लेगी,
कहने से हाल ए दिल,
डरता था मैं,

उसके होने पर,
नर्वस होता था मै,
ना होती थी वो,
कहा होता था वहां मैं,

लुकाछिपी, अक्सर,
होती थी हममें,
मुझे खोजती थी वो,
ढूंढता, उसे था मैं,

जिंदगी है वो,
कहा रुकती है वो,
जब जरूरत थी उसकी,
ठहरती नहीं वो।।

देव

12 may 2020

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