है पास मेरे, मगर, दूर बहुत रहती है।

नज़रे जो बयां करती है, वही
मुस्कान कहती है,
लब है, जो बंद है, मगर
बोलते है बहुत कुछ,
तेरी तस्वीर भी, तेरी तरह,
बर्ताव करती है,
है पास मेरे, मगर,
दूर बहुत रहती है।।
देव

2 june 2020

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