रक्षाबंधन

बस, एक धागा, कुछ चावल के दाने,
और माथे पर सिंदूर का तिलक,
और साल भार का, निस्वार्थ प्यार,
यहीं तो है, रक्षबंधन का त्योहार।

बहन भाई या गुरु शिष्य का संबंध,
व्यापारी है तो ग्राहक से अनुबंध,
कभी दोस्तो के हाथ पर दोस्ती की डोर,
कभी भक्त और भगवान का बंधन।

हर कोई अपने, तरीके से मनाता है,
कैसा है ये बंधन, प्यार से हर कोई बंध जाता है,
ये भारत वर्ष है, कई त्योहार मानता है,
मगर, राखी का, अपना अलग एक नाता है।।

देव

03 August 2020

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