यादें ही सही

यादें ही सही तेरी, संग मेरे हर वक़्त है जो,दूर तू सही, इस दिल को है, सोहबत तेरी, तेरी पेशानी पर ना पड़े, लकीरें फिर कभी,खुदा से हर नमाज में है, इल्तेजा मेरी।। देव 14 जुलाई 2020

सात फेरों की पाबंद नहीं, मोहब्बत मेरी

लोगो की तो आदत है, कुछ भी बोलते है,बेखौफ, जीने की आदत, है तुझे, मुझे भी। फिक्र ना कर, रस्म ओ रिवाज की तू जरा,सात फेरों की पाबंद नहीं, मोहब्बत मेरी।। देव

ये इश्क़ है, या दीवानगी

ये इश्क़ है, या दीवानगी,पूछा खुद से, एक बारगी, उसका होना है मुझको, याजिद है क्या उसे पाने की, मोहब्बत भी है, यारी भी,कभी लगती बेगानी सी, कभी मुंह मोड़ लेता हूं,कभी फिर बोल देता हूं, कभी चुप सी वो रहती है,कभी बहुत कुछ वो कहती है, बिछड़ कर यार, मिलते है,दिल का हाल, भी … Continue reading ये इश्क़ है, या दीवानगी

छलकती मय के मयखाने

छलकती मय के मयखाने,तेरी नजरो ने बना डालें,जुल्फे जो चेहरे पर गिरती से,पर्दे यूं, हुस्न पर कर डाले,ग़ज़लें बारिश सी बरसेंगी,लबों से हटते ही ताले,कहीं बिजली गिरी होगी,निगाहों ने क्तल कर डाले।। देव 13 जुलाई 2020

चेहरे

चेहरे, कितने ही बना रखे है,हर चेहरे के लिए,अलग चेहरे लगा रखे है,किस चेहरे पर करूं यकीं,हर चेहरे के पीछे,कुछ राज छिपा रखे हैं।। देव 13 जुलाई 2020

क्षण भंगुर सा जीवन

क्षण भंगुर से जीवन को, जीना हर क्षण है,पल पल बीते जाए तो क्या, जीना हर पल है। खौफ जदा बैठा है इंसा, डर का ये पल है,पल पल मारने से अच्छा, जीना दो पल है,पल पल बीते जाए तो क्या, जीना हर पल है। जिनको प्यार किया हर पल, क्यूं है उनसे दूरी,पास अगर … Continue reading क्षण भंगुर सा जीवन

कुछ रूहानी सी, हो गई जिंदगी

कुछ रूहानी सी, हो गई जिंदगी,कुछ जतन यूं, तुमने किया , बेसबब सा दिन मेरा,बेसबर सी रात थी,तेरी करीबी कुछ पल सही,दे गई मुझे कहकशा,कुछ जतन यूं, तुमने किया। मैं भटकता सा रहा,अनजान राहें, बेमंजिल यहां,साथ तेरा, कुछ पल मिला,मिल गई मुझको दिशा,कुछ जतन यूं, तुमने किया।। बे खुदा, था मैं बन गया,खुद से भरोसा, … Continue reading कुछ रूहानी सी, हो गई जिंदगी

मासूम

मासूम सी, वो आकर, मुझे यूं बोली,काश! इन चांद सितारों की से आगे,कुछ होता, प्यारा सा जहां,ना पदाई होती, ना होमवर्क,बस, होता barbie का घर,मैं और बस मेरे सपने,मेरे दोस्त, सब अपने,आप भी होते, मगर बस आप,ना होती स्कूल, ना होता काम,मासूम सी, वो आकर, मुझे यूं बोली,काश! इन चांद सितारों की से आगे,कुछ होता, … Continue reading मासूम

Random thoughts

[06/07, 7:57 pm] Dev… Devkedilkibaat.Com: अक्स पाकर तेरा, आइना भी गुज़र गया,ना गुरूर रहा उसमे, चकनाचूर हो गया।। देव[06/07, 7:57 pm] Dev… Devkedilkibaat.Com: कर्ज कुछ मुस्कुराहट का ऐसा चढ़ा,हाल ए दिल भी बयां, हंस कर किया।। देव[06/07, 8:03 pm] Dev… Devkedilkibaat.Com: तुम महफ़िल में अकेला, ढूंढ़ती रह गई,मैं तन्हा दिल गिनते गिनते थक गया।। देव[06/07, … Continue reading Random thoughts

तुम हो तो है, जिंदगी

कभी बेपरवाह सी थी,मगर बेकार सी थी,शामों में महफ़िल थी,रूह तन्हा थी,रात गुलज़ार थी,ख्वाब नदारद से थे,लबों पर हंसी थी,दिल में खुशी ना थी,रास्ते खुशगुवानर थे,मंजिल का पता ना था, अब बस तुम हो, तुम हो तो है, जिंदगी।। देव

ना छोड़ यू ही दामन उनका

कुछ तो सपने, तेरे भी है,ना छोड़ यू ही दामन उनका,मिल जाएंगे, काफी,इश्क़ करने वाले,मगर, ना करना, समझौता,खुशी से अपनी। दौड़ लगी है, हर तरफ,बनाने को तुझे अपना,कुछ बस यू ही चाहते है,कुछ का है सपना। तेरे सपने को जो, समझे अपना,तू थामना दामन उसका,जिसे माने तू अपना। देव

इश्तहार बना डाला।

जरा अलग क्या, बना दिया खुदा ने,इंसा ने मुझे, इश्तहार बना डाला।मेरे यौवन में, अपनी ख्वाहिशों का,बाज़ार लगा डाला, यू तो, बैठाया है,मुझे मंदिर के मंडप में, और कोठों में,दीवानगी का, दरबार लगा डाला। देव

तू मेरी हमसफ़र

सुबह तुझसे शुरू, ख्वाब में तेरा बसर,सोचता कुछ भी हूं, आती है तू नजर,कुछ पल जो किया, तुझ संग वो सफ़र,बन गई ना जाने कब, तू मेरी हमसफ़र।। देव

इंतेज़ार है कबसे

कब तलक, यूं ही, बैठी रहेगी चुप सी,कब तलक, ख्यालों में, रहेगी गुम सी,कब तलक, दिल को, थामे रहेगी,कब तलक, मोहब्बत से, रखेगी दूरी। कोई तो है, जो तकता है तुझे,हद से ज्यादा, वो चाहता है तुझे,इश्क़ में तेरे, जो खोया है कबसे,इक नज़र देख ले, इंतेज़ार है कबसे।। देव

हां, उसे प्यार था

सुरूर ए इश्क़, उसको था जब चढ़ा,महफ़िल में भी लगती थी, वो तन्हा, तन्हाइयों में, मुस्कुराती रहती थी,अक्सर, खुद से ही बातें, करती थी, थोड़ी बेसब्री, थोड़ा सुकून भी था,इश्क़ का थोड़ा, उसे जुनून भी था, ना थी नफ़रत, ना जलन ही थी,बस मोहब्बत, जेहन में फैली थी, नज़रों में उसके, प्यार का खुमार था,चेहरे … Continue reading हां, उसे प्यार था

सावन

वो वक़्त कुछ और था,हर किसी पर एक सुरूर था,ना जाने, कहा सब खो गया,सावन, कब जेठ हो गया। कहा झूले है पेड़ों पर,कहा घुंघरुओं की आवाजे,कहा गोरियो का ठहठहाना,कहां छोरो को, छेड़जाना। कहां गुम है, मेंहदी के हाथ,वक़्त कहा है, थामे जो हाथ,कहां गई, वो चांदनी रात,बैठे थे हम, झुलो में साथ। कहां है … Continue reading सावन

कान्हा

गगरी भर यमुना से,जब मैं चलूं,तेरी मुरलिया की,धुन से मिलूं। मैं बावरी हो, पनघट,पर नृत्य करू,कान्हा, मैं तेरी,बावरी हूं। बातें करे जग सारा,हुआ क्या तुझे राधा,क्यूं खोई खोई सी, लागे तू,मन में क्या है, बोल जरा। मन कहां अब मेरा है,कान्हा का ही, बसेरा है,श्याम की दीवानी हूं,बांसुरी धुन पर, नाचूं हूं। सांवरा सलोना सा,रूप … Continue reading कान्हा

मैं कितना बदल गया

मैं कितना बदल गया,मैं फिर से मैं बन गया, कभी किस्से अभी अफसानों, में बसर था,हर सफर में नया हमसफ़र था,हर तारीख, नई क़लम से, लिखी जाती थी,हर मास, तारीख नई आती थी,अब सब रुक सा गया,मैं कितना बदल गया।। ख्वाबों की लंबी, फेरहिस्त थी कभी,मंजिलों की लंबी कतारें थी कभी,सोचों का दरिया, बहा करता … Continue reading मैं कितना बदल गया

यार

कुछ पल जिंदगी के,इनके संग बिताए है,यही कमाए, यही बचाए है,कुछ दोस्त बनाए है।। कभी रूठो को मनाना,कभी रूठ कर, मन जाना,हसने भी यही आए है,जब टेसुएं बहाए है। कभी दूर जाना,कभी लौट कर फिर आना,पास नहीं तो क्या,दिल में तो बसाए है। कुछ पल जिंदगी के,इनके संग बिताए है,यही कमाए, यही बचाए है,कुछ दोस्त … Continue reading यार

ख्यालात

बेतरतीब से बालो को बनाती वो जा रही थी,जो सुलझे थे, उन्हें भी फिर उलझा रही थी। जाने किन खयालातों में, खुद से बतिया रही थी,जो गुज़र सा गया था, उसी की याद आ रही थी। सोचा, भाग कर रोक लू उसे, कह दे हाल ए दिल,अपने ही चक्रव्यूह में, फसें वो जा रही थी। … Continue reading ख्यालात