तू मेरी हमसफ़र

सुबह तुझसे शुरू, ख्वाब में तेरा बसर,
सोचता कुछ भी हूं, आती है तू नजर,
कुछ पल जो किया, तुझ संग वो सफ़र,
बन गई ना जाने कब, तू मेरी हमसफ़र।।

देव

Leave a Reply