इंतज़ार मुझको, भी है तेरा, जमाने से,
तुझे भी इश्क़ है, मेरा तेरे करीब आने से।
बढ़ा कर हाथ, बैठा हूँ, थामने तुझको,
ठिठकी सी तू खड़ी है, सोच में कब से।
वक्त लेता है, अक्सर, खुद को समझाना,
मुश्किल है, दिल और दिमाग में, तालमेल बैठाना।
माना, वक्त कम है, शुक्र है, है तो सही,
दिलो में थोड़ा सही, फितूर है तो सही।
मिलेंगे आज नहीं तो, कल ही सही,
जनाजा उठ भी गया तो, जन्म है कई।।
देव
09/11/2020, 4:18 pm