ये ज़रूरी तो नहीं।

अश्क तन्हाई में, बहा लो,
ना दिखाओ ज़माने को,
गम को समझे हर कोई,
ये ज़रूरी तो नहीं।

भीड़ है हर तरफ, घेरे
तुझे, ये मानता हु मैं,
करीब हर कोई हो,
ये ज़रूरी तो नहीं।

चंद लम्हे मिले है आज,
जी लो जी भर कर इन्हें,
कल मिलेगा एक और,
ये ज़रूरी तो नहीं।

देव

16/11/2020, 10:45 pm

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