नया दिन है, नया सवेरा है,
रात का नहीं, अब अंधेरा है।
सूरज की किरण, जगमगा रही है,
बाग में कलिया, खिलखिला रही है।
दर्द का नहीं अब बसेरा है,
नया दिन है, नया सवेरा है।
चेहरे पर देखो, मुस्कुराहट है,
जिन्दगी ने दी, फिर से दस्तक है,
दिलो मे खुशियों, का डेरा है,
नया दिन है, नया सवेरा है।
ख्वाब, बस ख्वाब नहीं, हक़ीक़त है,
हर दिल में जीने की चाहत है,
हर तरफ इश्क़, इश्क़ फैला है,
नया दिन है, नया सवेरा है।।
देव
25/01/2021, 10:20 am