अश्क भी बहते नही और,
धड़कने थमती नही,
जिन्दगी कहाँ जिन्दगी है,
चैन लेने देती नहीं।
कहते है चलते रहो,
मंजिले मिल जायेंगी,
रास्ते और दुश्वार है अब,
दूर तलक मंजिल नहीं।
कंधे जो थे, अब कहाँ है,
जिन पर सिर यूं रख सके,
किसको कहें, हाल ए दिल,
किस पर करें, अब हम यकींन।
जिसने दिया दगा कभी,
साथ वो छोड़ते नही,
जिनसे मांगा साथ था,
साथ वो देते नही।
कहते है खुदा लेता है,
इम्तिहान बंदों का अपने,
उम्र गुजर गई, नाम लेते,
और खुदा मिलता नहीं।
देव
24/02/2021, 11:53 pm