तेरे नही होने का मलाल

तुझसे दरकिनार होने की, सोच से में घायल था,
क्यूं कि तेरे होने के, अहसास का मैं कायल था।
तू थी भी, और नहीं भी थी अक्सर मेरे ज़हन में,
जब नहीं थी, तब तेरे नही होने का मलाल था।
अब तू है मगर तू है कहाँ, ढूंढता हूंँ मैं,
अब तलक, तेरे ख्वाबों में, कहीं मेरे होने का, ख्याल था।
देव
24/02/2021, 1:24 am

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