नई आशाएं जागेंगी!

माना मायूस हो, मगर निराश नहीं होना,
जिन्दगी है, लगा रहता है, पाना और खोना।
अभी पतझड़ है, तो क्या, फिर बहार आएगी,
नई आशाएं जागेंगी, चेहरे पर मुस्कान छाएगी।
मशालें है जहां, तो दिल भी तो जलेंगे,
सुबह फिर से होगी, चमन फिर से खिलेंगे।
देव
17/02/2021, 9:54 am

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