बेइंतेहा प्यार करती हूं

Wrote this for a friend, on behalf of her for her love.
Salute to her Love!

अंधेरी रात में
सुनसान राहों पे
दौड़ती गाड़ियों की
आवाजे, कुछ सुना रही है
ये बहती हुई हवा
तेरी याद दिला रही है

आज भी याद है
जब तू मुझे अपनी
बाहों में समा लेता था
मेरे जेहन से
हर फ़िक्र मिटा देता था

रख के मेरा सर
अपनी गोद में,
अफसानों की अपने
बना कहानियां सुलाता था मुझे

तेरी अंगुलियों की सरसराहट
तेरे आने की वो आहट
तेरी नम आंखे
तेरी गरम सांसे
अब भी महसूस करती हूं

तू करीब ना होकर भी
मैं तेरे करीब लगती हूं
हां, मैं अब भी तुझे
बेइंतेहा प्यार करती हूं

देव

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