ख़ामोश पन्ने

ख़ामोश पन्नों में, लिखी दस्ताने
क्यू तन्हाइयो में, पढ़ते है

साथ है, तेरे इतने लख्ते जिगर
फिर क्यू, इतने उदास रहते है

उड़ेल दो, कभी दर्द दिल के
यारो की झोली में
दोस्त हर मर्ज का इलाज रखते है

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