ख़्वाब

तेरी मासूम चेहरे पे, ये शैतान निगाहें
कभी बुलाती, कभी गुम हो जाती अदाएं

नादान सी दिखने वाली, तेरी जवा हरकते
तेरे बालो से लटकते वाली, सितारों सी कुछ बूंदे

तेरे तेज तेवर, तेरी मासूमियत छिपाती
लबों के खुलने के पहले, गहरी सांस आती

खोलती है राज, तेरे दिलो दिमाग
की कश्म ए कश का
गले जिसने लगाया था कस के
वो सच में है या बस ख्वाब कोई

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