अहसास तेरे होने का
हर पल मेरे यही
आस पास क्यूं होता है
अब, मैं अकेला तो होता हूं
पर तन्हा क्यूं नहीं रहता हूं
तेरी, खुशबू मेरे बिस्तर में
मेरे कपड़ों में बसी क्यूं है
तेरी, बातो में, मुझको
दिखती जिंदगी क्यूं है
तू होती है सामने
या सपनो में कभी मिलती है
तेरी, मासूम अदाएं मेरे
दिल को झकझोरती क्यूं है
आजकल, हर वक़्त,
मेरे जेहन में
तेरी ही आवाज़ आती है
लश्कर साथ है
पर देती सुनाई सिर्फ तू क्यूं है
पूछता हूं सवाल खुद से
तो कभी खुदा से
दुआ मेरी जब निकलती है
उसमे भी नाम तेरा क्यूं है
उसमे भी नाम तेरा क्यूं है