जगा अब हिंदुस्तान है।

ज्वाला अब जलाई है, यूं ना बुझने पाएगी।
भस्म कर देगी तुझे, तब ही शांति आएगी।।

प्रचण्ड अग्नि जल चुकी, भभक उठी मशाल अब।
नसों में रक्त उबल उठा, कटेंगे सर धड से सब।।

दुर्गा चली है शेर पे, शिव ने खोली आंख है।
असुरो की टोली का सभी, करेंगे रक्तपान अब।।

निकल चुकी कृपाण है, म्यान छोड़ कर सभी।
संभल जा पाकिस्तान जरा, जगा अब हिंदुस्तान है।।

देव

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