मेरी चाहत को, मेरी कमजोरी ना समझ
मैं इश्क़ हूं, मुझे हवस का नाम ना दे
तेरी तड़प मेरे लिए क्यूं है, नहीं पता
मेर इश्क़ चाहे एक तरफा ही सही
बस, तेरी यादों, तेरे सपनो, और
तेरी मदमस्त अदाओं में खो जाऊं
तेरी उल्फत, तेरी उलझन और
तेरे गमों को दूर तुझसे ले जाऊं
तेरी ख़ुशी, तेरी हसीं और
तेरे ख्वाबों को पूरा कर पाऊं
तू ना चाहे मुझे, कोई बात नहीं
बस यही इल्तेजा है ख़ुदा से
रूह निकले जब भी जिस्म से मेरे
तेरी सूरत पल को ही सही, नजर आए
मेरी जिंदगी, तेरी, सिर्फ तेरी
मोहब्बत में निकल जाए
देव