मुलाकात, तुझसे हर बार, नई लगती है।
हजार बार देखूं तुझे, प्यास नहीं मिटती है।।
तेरे लबों पर, आती हैं जब भी हसीं।
मेरे बदन में क्यूं, कपकपि सी लगती है।।
तेरे साए में, जब भी बिताई रातें मेरी।
क्यू मुझे हर सांस रूहानी सी लगती है।।
तेरी यादों में, खोए रहने का, दिल है मेरा।
तेरी तस्वीर, मेरे घर को रोशन करती है।।
देव