आओ, जी भर कर होली खेलो…

होली आई, रंगोली लाई
जीवन में, रंगो की वर्षा लाई
थोड़ा तुम भी जी खुश कर लो

आओ, जी भर कर होली खेलो

दर्द समेटे क्यू बैठे हो
तन्हा तन्हा क्यूं जीते हो
बाहर निकलो, जग सुंदर कितना
सजे है उपवन, रंगो की बेला
तुम भी सपनों में अपने
कुछ रंग भर लो

आओ, जी भर कर होली खेलो

नन्हे मुन्ने भी है हमारे
देखी नहीं जीवन में बहारें
अभी अभी तो जीने लगे है
रस जीवन का पीने लगे है
थोड़ा उनका ध्यान तुम कर लो
जीवन में उनके रंग तुम भर दो

आओ, जी भर कर होली खेलो

देव

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