फिर होगा साथ तू…

कुछ पल ही सही
खुशियों के मिले चाहे
जी लेंगे हम
फिर चाहे तन्हा हो राते
गुजारेंगे हम

तेरी हसीं से बढ़कर
क्या होगा जमाने में
तेरी मासूम सी सूरत
नीहारेंगे हर पल

दूर पल में हो जाती है
थकां जहा भर की
मेरे आगोश में समाता
जब कुछ पल है तू

बुरा ना मैं, ना वक़्त
ना ये जहां है
फिक्र ना कर, क्षण भर
फिर होगा साथ तू

देव

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