बात बस कल की ही है
जब मिला था तुझसे
तेरी बातों में कुछ बात थी
तू औरों से खास थी
तेरी हंसी में भी एक सिरहन दिखी
तू अभी भी उसके साथ थी जुड़ी
तू आज भी उसके साथ रहती है
वो नहीं साथ, उसकी मोहब्बत रहती है
लोग यू ही, इश्क़ का नाम बदनाम करते है
हवस को, इश्क़ का नाम देते है
सीखे तुझसे कुछ, क्या मोहब्बत है
तेरी सांसे अब भी उसका नाम लेती है
लेकिन, तेरी बातों में कुछ बात थी
तू औरों से खास थी
पर ये भी लगा, तू कुछ भूल गई है
तेरी ख़ुशी में ही, उसकी खुशी है
और तू, जब भी, याद में उसके रोती है
कसम से, दर्द उसको और देती है
मोहब्बत अपनी, तू कम ना समझ
उसकी याद में, रोना बंद कर
उसे महसूस कर हसने के लिए
उसकी खुशी के लिए, जिंदगी में आगे बड
क्यूं की, तेरी यादों में भी कुछ बात थी
तू औरों से खास थी।
देव