ये कौनसे शायर की बात करते हो
हम, ना गुम रहते है, ना चांद को ताकते है
बस, उदास चेह रों को हसीं
तन्हा दिलो को, जीने का मकसद देते है
जो जीने से डरते है,
उन्हें जीने का सबब
जो मरने की बातें करते है
जीने की दिल में, मोहब्बत भर देते है
तन्हा दिलो को, जीने का मकसद देते है
रूठो को मनाने की बातें
वीरान रातों में प्यार की सौगातें
दर्द ए दिल के, सुनते है अफसाने
फिक्रमंद ओ को, गले अपने लगते है
तन्हा दिलो को, जीने का मकसद देते है
ये कौनसे शायर की बात करते हो
हम, ना गुम रहते है, ना चांद को ताकते है
बस, उदास चेह रों को हसीं
तन्हा दिलो को, जीने का मकसद देते है
देव