फ़िक्र हटा जमाने की,
मैं जीता हूं अपनी जिंदगी।
मैं बे फिकरा, चला राहों पे,
मस्त मौला, मन मर्जी।।
दुनिया, यू ही, बातें करती,
आजा, ना तू सोच जरा।
आना है, जो साथ में मेरे,
वक़्त है कम, ना गंवा जरा।।
इश्क़ की बातें, बहुत हो गई,
अब इश्क़ तू खुद से लढा जरा।
मंजिल की परवाह, बहुत है कर ली
अब बस राहों पे, कदम बढ़ा जरा।।
देव