तेरी इक झलक से, मेरी सुबह निखर जाती है।
शुक्र है, तुमने तस्वीर, प्रोफ़ाइल पे लगा रखी है।।
व्हाट्स एप यू ही नहीं, देखता हूं शामो सहर।
तेरे दीदार का, इक यही जगह नजर आती है।।
करता हूं इंतजार, कब बुलाएगी, दर पे मुझे।
मैने कब से, तुझसे मिलने की, रट लगा रखी है।।
जब पता लगा, तुझे पसंद है, महफिलें अक्सर।
तेरे रूबरू की चाह में, महफ़िल सजा रखी है।।
शुक्र है, तुमने तस्वीर, प्रोफ़ाइल पे लगा रखी है।।
देव