यारों की महफ़िल

कौन कहता हैं
मैं तन्हा हूं
पागल है लोग
नहीं जानते
यारो की महफ़िल
साथ रहती है

जब भी मैं
याद करता हूं
उनकी यादें
साथ होती है

कोई रिश्ता
कोई नाम नहीं उनका
बस, याद करो
आस पास, बस उनकी
बात होती है

खुदा, कुछ ना दे
कोई शिकवा नहीं
जिए यार मेरे, साल हजार
बस यही फरियाद रहती हैं

देव

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