मेरा इश्क़, बस रूहानी है…

कई बार मुझसे पूछा गया,
देव, तुम्हे फीलिंग्स नहीं आती क्या,
या बस, तुम्हे यू ही, दिलों से खेलने की आदत है
तुम इतना डरते क्यूं हो इश्क़ करने से

यूं सबके लिए, मेरा जवाब

इश्क़ तो मैं भी करता हूं।
हां, इश्क़ तो मैं भी करता हूं।
और एक दिल मेरे पास भी है
और बस तुमसे नहीं,
हर उस खुदा के बंदे से करता हूं।
जो मुझे चाहता है।
बस, फर्क इतना है
मेरा इश्क़, तेरे जिस्म की भूख नहीं है।
मेरा इश्क़ में, तेरे रूप का जूनून नहीं है।

मेरा इश्क़ कहता है, तेरे दर्द को समा लू अपने में।
जब भी आए आंसू तेरे, समा लूं तुझे आगोश में।
तेरे अकेलेपन का, हमराह बन जाऊं।
तेरी चेहरे पर, कुछ पल हसीं के लाऊ।

मेरा इश्क़ चाहता है, तेरे पहलू में समा जाऊं।
तेरी गोदी में रख सिर अपना, कुछ पल सो जाऊं।
तेरी अंगुलियों के पोर, महसूस हो बालों में।
थामे रहे तू हाथ मेरा, जब वह जाऊ मैं जज्बातों में।

मेरा इश्क़, तुझे यार मानता है।
कुछ पल ही सही, तेरा साथ चाहता है।
मेरे इश्क़ में कोई बेईमानी नहीं है
मेरा इश्क़, बस रूहानी है
मेरा इश्क़, बस रूहानी है

देव

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