प्यार इक सजदा है

प्यार इक सजदा है,
जितना करो, कम लगता है।

इश्क़ एक जूनून है
जैसे जिस्म में रूह,
और शरीर में खून है

ये बात अलग है
जब दूध से जलते है
तो छाछ भी फुक कर पीते है
और इश्क से झुलसते है
तो नज़रे मिलाने में भी,
तौहीन समझते है

देव

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